मणिपुर में हिंसा, मंत्री और दो विधायकों के घर आग के हवाले
Published: Aug 31, 2015 11:22:00 pm
संगठनों का
कहना है कि ये विधेयक जनजाति लोगों के खिलाफ हैं
इंफाल। मणिपुर में विधानसभा द्वारा सोमवार को कथित तौर पर “जनजाति विरोधी” विधेयकों के पारित होने के बाद शाम को हिंसा भड़क उठी जिसके बाद भीड़ ने एक मंत्री और दो विधायकोंद के घरों को आग लगा दी। विभिन्न जनजाति संगठनों ने मंगलवार को इन विधकयों के विरोध में 12 घंटे का प्रदेश व्यापी बंद का आह्वान किया है।
संगठनों का कहना है कि ये विधेयक जनजाति लोगों के खिलाफ हैं। जिन नेताओं के घरों को आग लगाई वे हैं-परिवार कल्याण मंत्री पी तोंसिंग, एम वाईफेई और वी राल्ते। ये दोनों ही विधायक हैं। विधेयकों के पारित होने के कुछ घंटो बाद ही चुराचंदपुर स्थिन इन नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करने के साथ साथ आंसू गैस के गोलों को भी छोड़ना पड़ा। विधानसभा ने जिन विधेयकों को पारित किया है, वे हैं-प्रोटेक्शन ऑफ मणिपुर पीपुल्स बिल 2015 और मणिपुर लैंड रेवेन्यू एवं लैंड रिफोर्मस बिल 2015। राज्य सरकार इन विधेयकों के जरिए बाहरी राज्यों के लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करना चाहती है।
विधेयकों के मुताबिक, मणिपुर में आने के लिए लोगों को परमिट लेना होगा। सूत्रों का कहना है कि नेताओं को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि किसी ने भी इन विधेयकों का विरोध नहीं किया और इनहें सदन ने पारित कर दिया।