लखनऊ-दिल्ली मार्ग के बीच में स्थित बरेली शहर की वैसे तो तमाम खासियत हैं लेकिन इस शहर को भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों ने एक अलग पहचान दिलाई है। जिले की सभी दिशाओं में भगवान शंकर के अति प्राचीन मंदिर स्थित होने के कारण इस शहर को नाथ नगरी के नाम से भी कहा जाता है।
माना जाता है कि शहर की सभी दिशाओं में विराजमान 6 अति प्राचीन शिव मंदिर, बाबा अलखनाथ, वनखंडी नाथ, त्रिवटी नाथ, तपेश्वर नाथ, मढ़ीनाथ और धोपेश्वर नाथ यहां की सुरक्षा चौकियां हैं। सावन में यहां भक्तों की खासी भीड़ महादेव के पूजन के लिए आती है।
दक्षिण भूतनाथ सुभाषनगर इलाके में स्थित है ये तपेश्वर नाथ मंदिर। इसे कई ऋषियों और संतों की तपोस्थली रहा है जिसके कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वर नाथ मंदिर पड़ा।
शहर की हर दिशा में महादेव का मंदिर होने के कारण नाथ नगरी को हिमालय का मुख्य द्वार कहा जाता है।
उत्तर कुबेर दिशा प्रेमनगर में त्रिवटी नाथ मंदिर स्थापित है। यहां भगवान शिव ने खुद प्रकट होकर तीन वटों के नीचे सो रहे चरवाहे को सपने में दर्शन दिए और कहा कि यहां पर मैं स्थित हूं। नींद से जागने के बाद चारवाह ने त्रिवट के नीचे खुदाई की तो उसे शिवलिंग के दर्शन हुए जिसके कारण इस मंदिर का नाम त्रिवटी नाथ मंदिर पड़ा।