हाई व हायरसेंकडरी स्कूल के विद्यार्थिंयों ने आरएसके आयुक्त, कमिश्नर का रोका रास्ता, अधिकारियों को स्कूल तक लेकर पहुंचे
दमोह/मडिय़ादो। सर, मैडम आप हमारे साथ चलकर देखिए कैसे स्कूल तक पहुंचते हैं हम। ऊबड़-खाबड़ रास्ता और बीच में खतरनाक नाला। पिछले दिनों तो इस नाले में बहते-बहते हम बच्चे बच गए थे। इसके बाद भी कोई पहल नहीं होती, कोई सुनवाई नहीं होती। आप आईए और हमारे साथ चलकर देखिए, प्लीज। यह बात मडिय़ादो हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चों ने मडिय़ादो से गुजर रही राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त भोपाल, कमिश्नर सागर और कलेक्टर का वाहन रोकने के बाद कही। बच्चों की बात सुनकर अधिकारी स्कूल तो पहुंचे, लेकिन बमुश्किल।
राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त दीप्ती गौड़ मुखर्जी, कमिश्नर मनोहर अगनानी, कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा गुरुवार की दोपहर जिले के दौरे के तहत हटा, मडिय़ादो की ओर जमीनी हकीकत जानने के लिए निकले थे। टीम दोपहर दो बजे के लगभग मडिय़ादो पहुंची। भ्रमण के दौरान सबसे पहले उनके द्वारा प्री मेट्रिक बालिका छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद टीम को आगे बढ़ते देख हाईस्कूल व हायर सेकंड्री के लगभग सौ विद्यार्थिंयों ने वाहन को रोककर समस्या बताई।
स्कूली छात्र-छात्राओं की सुनने के बाद सर्व शिक्षा अभियान आयुक्त दीप्ती गौड़ मुखर्जी सीधे शॉर्टकट मार्ग से होते हुए टूटे स्टापडेम और ऊबड़-खाबड़ मार्ग पर से करीब आधा किलोमीटर पैदल ही विद्यार्थिंयों के साथ बमुश्किल पहुंच सकी। इस दौरान ठंडक होने के बाद भी मैडम को पसीना आ गया और पहुंच मार्ग के बारे में वह सिर्फ ओ मॉय गॉड ही कह सकी। हालांकि, हर दिन होने वाली विद्यार्थिंयों की परेशानी को भी उन्होंने समझा और जल्द ही निरारकण का आश्वासन दिया है। कमिश्नर और कलेक्टर वाहन पहुंच मार्ग नहीं होने पर स्कूल तक पैदल जाने से मना कर दिया।
यह है मुख्य समस्या
जिस रास्ते से विद्यार्थियों को स्कूल आना जाना होता है उस स्कूल में जंगली नाला का पुल नहीं होने से विद्यार्थिंयों को परेशान होना पड़ता है इस वर्ष बारिश में अचानक नाला उफान पर आने से एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी बाढ़ के पानी में फंस गए थे, जबकि कुछ बच्चे बहते-बहते बच गए थे। स्कूल तक पहुंचने मार्ग भी नहीं है। पत्रिका द्वारा भी इस मामले को उठाया जा चुका है।