दंतेवाड़ा. बस्तर में नक्सलियों का एक बार फिर क्रूर चेहरा सामने आया है। कटेकल्याण थाना क्षेत्र के मेटापाल में नक्सलियों ने गांव की सरपंच रत्ना पोडिय़ामी के पति धर्मेन्द्र की बेरहमी से हत्या कर दी। नक्सलियों के वहीशपन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, सरपंच को रस्सियों से बांधकर आंखों के सामने ही पति को चाकू और टंगिये से काट डाला गया। उसके सिर, गले और सीने पर चार किए गए। इस हमले में सरपंच पति की मौके पर ही मौत हो गई। रत्ना और उसकी पांच साल की मासूम बेटी आंखों के सामने यह सब होते देखते रही।
तीर-धनुष और हथियारों से लैस थे हमलावर
सरपंच रत्ना ने बताया, शाम करीब छह बजे वह अपने पति के साथ बाजार से लौटी थी। तबियत खराब होने से रात का भोजन धर्मेन्द्र बना रहा था। वह आंगन में बैठकर आग ताप रही थी। तभी पहाडिय़ों से तीर-धनुष, टंगिये और चाकू से लैस करीब दस नक्सली पहुंचे। आते ही वे सीधे घर में दाखिल हुए और धर्मेन्द्र को पकड़कर बाहर निकाला। यह सब देखकर वह चीखी लेकिन उनमें से दो हमलावरों ने उसके हाथ और पैर बांध दिए और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। यह सब देख पांच साल की मासूम बेटी सहम गई थी। इसके बाद आंखों के सामने ही नक्सलियों ने धर्मेन्द्र को टंगिये और चाकूओं से गोदकर मार डाला।
सदमे में परिवार, बिलखते रहे बच्चे
मृतक धर्मेन्द्र के एक बेटी और दो बेटे हैं। बेटी गांव के स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है। एक बेटा मेटापाल आश्रम में और बड़ा लड़का शेखर बालूद मिडिल स्कूल में पढ़ता है। जिस दौरान हत्या की गई दोनो बेटे घर पर नहीं थे। बड़े बेटे शेखर को ग्रामीण पिता की तबियत खराब होने का बहाना बनाकर आश्रम से घर लेकर आ रहे थे। रास्ते में मेटापाल में पीएम के लिए उसके पिता को ले जाया जा रहा था तभी वह गांव पहुंचा। जैसे ही उसे इस बात का पता चला, पिता की हत्या हो चुकी है। वह दहाड़े मारकर रोने लगा। बार-बार कहता रहा एक बार मेरे बाबा को दिखा तो। इधर पति की मौत के बाद से रत्ना सदमे में है।
विधायक पहुंची गांव, परिवार को दिया दिलासा
कांग्रेस समर्थित सरपंच पति की हत्या के बाद विधायक देवती कर्मा ने मेटापाल पहुंचकर परिवार के दुख में शामिल हुई। इस दौरान उनके साथ महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष तुलिका कर्मा, नपा अध्यक्ष दीपक कर्मा, जिपं सदस्य सुलोचना वट्टी भी थे।
पुलिया बनने के बाद से टारगेट में था
गांव के एक नाले पर पुलिया निर्माण के बाद से ही धर्मेन्द्र नक्सलियों के टारगेट में था। पत्नि रत्ना के मुताबिक पुलिया निर्माण को लेकर उसे नक्सलियों से धमकी मिली थी। हालांकि जिन नक्सलियों ने उसे धमकाया था वे सभी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। जिन लोगों ने इस हत्याकाण्ड को अंजाम दिया उसे वह नहीं पहचानती। हमलावरों ने चेहरे को कपड़े से बांध रखा था इसलिए उन्हें वह नहीं पहचान सकी।
सड़क किनारे किया गया पीएम
इधर हत्या के बाद प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है। धर्मेन्द्र का पोस्टमार्टम सड़क किनारे झाडिय़ों के बीच खुले में किया गया। कटेकल्याण बीएमओ खुद ही पीएम के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा, परिवार की स्थिति को देखते हुए यहां गांव में ही पीएम करने का निर्णय लिया गया। जगह नहीं होने से खुले में पीएम करना पड़ा।
Hindi News/ Dantewada / नक्सलियों की इस करतूत से खौल उठेगा आपका भी खून, महिला सरपंच को रस्सी से बांधा फिर…