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हंगामे के बीच बजट पारित

locationदौसाPublished: Jul 03, 2015 10:23:00 pm

नगरपालिका बोर्ड की शुक्रवार
शाम हुई बैठक में हंगामे के बीच वर्ष 2015-16 का करीब 20 करोड़ 20 लाख

dausa

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बांदीकु ई (बसवा)।नगरपालिका बोर्ड की शुक्रवार शाम हुई बैठक में हंगामे के बीच वर्ष 2015-16 का करीब 20 करोड़ 20 लाख रूपए का बजट पारित किया गया। इसमें सफाई के लिए 57 लाख, बिजली 25, स्थाई सम्पत्ति क्रय 23 लाख, शौचालय 11 लाख, बाल नर्सरी उद्यान 12 लाख, प्रकाश व्यवस्था 20 लाख, सड़क-नाली 270 लाख सहित अन्य मदों में राशि निर्घारित की गई।


नगरपालिकाध्यक्ष रमेशचंद बैरवा की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई बैठक में पार्षद गिर्राजप्रसाद सैनी ने कहा कि पालिका परिसर में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी हैं। कुछ लोग यहां आकर शराब का सेवन करते हैं। यह घटना पालिका के लिए शर्म की बात है।


ऎसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए रात के समय कार्यरत कर्मचारियों को पाबंद किया जाए। पार्षद कैलाश ताम्बी ने कहा कि शहर के श्मशान घाटों की दीवार क्षतिग्रस्त हो रही है। ऎसे में दीवारों का निर्माण कराने के साथ ही पार्क विकसित कराए जाएं। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर सड़कों का निर्माण ही नहीं हुआ, जबकि फर्जी बिल बनाकर भुगतान उठा लिया गया।


निर्माण कार्यो में मापदण्ड के अनुसार निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं होने से कई जगहों पर पहली बारिश में ही सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। पार्षदों के शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। वार्ड 19 के पार्षद रामभरोसी जांगिड़ ने कहा कि पालिका की ओर से विकास कार्यो में भेदभाव किया जाता है।


जनता काम नहीं होने के कारण घर आकर परेशान करने लगी है। ऎसे में वह पाष्ाüद पद से त्याग देने तक को तैयार है। पार्षद रामकिशन बैरवा ने कहा कि सीमा विस्तारित क्षेत्रों में कच्चे रास्तों में बारिश के होते ही पानी भराव हो जाता है। ऎसे में मिट्टी व मोरम डालकर लोगों को राहत दी जाए।


इस मौके पर पार्षद मदनलाल माल, माया तंवर, सोमोती देवी, मुकेश माल, मोहनलाल सैनी, राधेश्याम सैनी, बृजमोहन कायथ एवं रामस्वरूप सैनी ने भी विकास कार्य कराए जाने की मांग उठाई।


पार्षद अरूण वर्मा ने कहा कि एनओसी एवं पट्टे जारी किए जाने के नाम पर लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं। पालिका कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है।


इस पर ईओ ने कहा कि सबूत उपलब्ध कराएं। सम्बंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना कहते ही पार्षद कैलाश ताम्बी, सुशील विजयवर्गीय, रामकिशन बैरवा एवं रामावतार शर्मा भड़क उठे। उन्होंने कहा कि यदि सबूत उपलब्ध कराएंगे तो भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी पालिका की जगह जेल में होंगे। बोर्ड की बैठक में जब पार्षद भ्रष्टाचार को लेकर चिल्ला रहे हैं तो आपका मामले की जांच कराने का नैतिक दायित्व बनता है। इस पर कुछ पार्षद कर्मचारी के पक्ष में उतर गए और बोर्ड की अंतिम बैठक होने की बात कहते हुए मामला शांत किया।


पालिका पार्षद निभाएं अपना फर्ज

पालिका प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि जब चुनाव होते हैं तो जनता विकास की उम्मीद रखते हुए मतदान कर उन्हें चुनती है। जीतने के बाद कुछ पार्षद अपने फर्ज को तक भूल गए। इन दिनों रोडलाइटें बंद पड़ी हैं। विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। ऎसे में स्वार्थ से दूर होकर जनता की आवाज उठाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर धरना दिया तो कुछ पार्षद बीच में ही छोड़ गए। उन्होंने कहा कि सिकंदरा रोड बस स्टैण्ड व रेलवे स्टेशन से मेहंदीपुर बालाजी के यात्रियों के जुड़े होने से शौचालय के निर्माण की मांग की तो ईओ ने परेशान करना शुरू कर दिया। लोगों को पट्टे व एनओसी तक जारी नहीं किए जा रहे हैं।


पार्षदों को भी पालिका में कोई तव्वजो नहीं दी जा रही है। आरटीई के तहत पार्षदों द्वारा सूचना मांगी जाती है तो मुहैया नहीं कराई जाती है। इसी का परिणाम है कि आए दिन ईओ पर सूचना आयोग से जुर्माना किया जा रहा है।


कार्रवाई नहीं तो…

पार्षदों ने कहा कि पालिका कार्यालय में कार्यरत आधा दर्जन कर्मचारियों को नियमित किए जाने व दो कार्मिकों के परिजनों को अनुकम्पा नौकरी दिए जाने के प्रत्येक बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लिए जाते हैं। जब प्रस्तावों पर अमल ही नहीं होता है तो बोर्ड की बैठक में रखने से क्या फायदा है। इतना कहते ही चेयरमैन रमेशचंद बैरवा भी गरम हो गए। उन्होंने ईओ से कहा कि गत तीन साल से उक्त कर्मचारी मांगों को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन क्या मजबूरी है कि उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है।


इस पर सभी पार्षदों ने खड़े होकर शीघ्र स्क्रनिंग कमेटी गठित कर नियमित किए जाने की मांग की।
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