नई दिल्ली.अल्जाइमर, डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की दवाओं की कीमत में 10 फीसदी का इजाफा हो सकता है। दरअसल, सरकार ने करीब 100 दवाइयों को जरूरी दवाओ की राष्ट्रीय सूची से हटा दिया है। ड्रग प्राइस रेग्युलेटर के पुराने आदेश को रद्द करते हुए सरकार ने कंपनियों को इन दवाओं के दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी है। ये दवाएं अब जरूरी वस्तुओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल नहीं होंगी। पहले दवाओं की कीमतों के इजाफे पर एक साल की रोक थी।
नेशनल फार्सास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने इस तरह की दवाओं की कीमतों में एक साल तक इजाफे पर रोक लगा दी थी। कई कंपनियों ने इस फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए सरकार से संपर्क किया था। सरकार उन दवाओं की कीमतों पर सीधे नियंत्रण रखती है, जिन्हें राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में शामिल किया जाता है।
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने जरूरी दवाओं की सूची को 684 से बढ़ाते हुए 875 कर दिया था। इसके अलावा 100 दवाओं को सूची से हटाकर उन दवाओं को शामिल किया गया था, जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल देश में 1 लाख करोड़ रुपये के दवा कारोबार में से 30 पर्सेंट पर सरकार का सीधा नियंत्रण है।