नई दिल्ली. मोदी सरकार की इनकम डिक्लेयरेशन स्कीम (आईडीएस)
को सफल बनाने के लिए देश भर के आयकर अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं
नई दिल्ली. मोदी सरकार की इनकम डिक्लेयरेशन स्कीम (आईडीएस) को सफल बनाने के लिए देश भर के आयकर अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अंदाजा इस बात से लग सकता है कि अब अधिकारी काला धन की तलाश में वड़ा पाव, डोसा व जलेबी बेचने वालों की जेबें खंगाल रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में हर बड़े शहर में रोजाना कम से कम 20 छापे मारे जा सकते हैं। आईडीएस 30 सितंबर को बंद होने वाली है।
2500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य!
सूत्रों के मुताबिक मुंबई और नई दिल्ली की तरह टैक्स विभागों को लगभग 2,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। हालांकि, इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि पिछले एक माह में रेड और सर्वे बढ़े हैं और ऐसी बात पहले तो नहीं होती थी।
पहली बार ऐसी कार्रवाई
मुंबई में छापे की जद में आए कुछ छोटे कारोबारियों को सलाह दे रहे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि 25 वर्षों की अपनी प्रोफेशनल लाइफ में मैंने खाने-पीने की ऐसी दुकानों पर छापे या सर्वे के बारे में नहीं सुना था। अधिकारियों ने इन दुकानों से कैश जब्त किया। कई दुकानदार तो हैरान रह गए क्योंकि टैक्स अधिकारियों से उनका कभी पाला नहीं पड़ा था।
पिछले 6 माह में टैक्स विभाग द्वारा जुटाई जानकारी पर ही छापे में जा रहे हैं। एक टैक्स अधिकारी ने बताया कि सरकार ने करीब एक लाख छोटे कारोबारियों और दुकानदारों की पहचान की है जिन पर टैक्स चोरी का शक है।
2 करोड़ कैश जब्त
टैक्स अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि मुंबई में छापों में कितनी रकम जब्त हुई। सूत्रों के अनुसार कुछ दुकानों से 2 करोड़ तक कैश जब्त किया गया।
टैक्स कंसल्टेंसी केपीबी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर पारस सावला ने कहा, ज्यादातर मामलों में टैक्स अधिकारी टैक्सपेयर्स से पूरी रकम को आईडीएस के तहत डिक्लेयर करने को कह रहे हैं।
मुंबई,अहमदाबाद कोलकाता व दिल्ली में हुआ सर्वे
अधिकारियों ने मुंबई में ठाणे के वड़ा पाव सेंटर, घाटकोपर के एक डोसा सेंटर, अंधेरी के एक सैंडविच सेंटर के साथ करीब खाने-पीने की 50 जगहों पर छापा मारा और मालिकों से आईडीएस के तहत काला धन घोषित करने के लिए कहा। अहमदाबाद, दिल्ली और कोलकाता में भी करीब 100 दुकानदारों पर इसी तरह का छापा मारा गया।