सभी राज्यों से एक तय कोटे के तहत शहरों के नाम मांगे गए थे। जिसमें जम्मू-कश्मीर को छोड़कर बाक़ी सभी राज्यों ने शहरी विकास मंत्रालय को शहरों के नाम सौंप दिए है। जम्मू कश्मीर से एक शहर का नाम मांगा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने दो शहरों जम्मू और श्रीनगर का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में फ़िलहाल 99 शहरों का नाम फ़ाइनल हो चुका है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सरकार ने 48,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
इन शहरों के नाम हैं शामिल
भारत का केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय देश के 100 शहरों की सूची बना रहा है, जिन्हें स्मार्ट शहर अथवा स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार यह सूची 1 सितंबर, 2015 को जारी करेगी। फिलहाल यूपी के जो शहर चुने गए हैं उनमें लखनऊ, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, आगरा, रामपुर, झांसी, कानपुर शहर है।
मोदी सरकार द्वारा नामांकित 98 शहरों की इस सूची में पटना, बेंगलुरू, कोलकाता, शिमला और तिरूवनंतपुरम जैसी राजधानियों को जगह नहीं दी गई है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बताया कि उत्तर प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर के एक- एक शहर की घोषणा बाद में की जाएगी। इन शहरों में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, गांधीनगर, अहमदाबाद, नवी मुंबई, बृहन्मुंबई, भोपाल, चंडीगढ, मुजफ्फरपुर, रायपुर, गुवाहाटी, अमृतसर, इम्फाल, शिलांग, चेन्नई, मदुरै, ग्रेटर हैदराबाद, विशाखापतनम, देहरादून, जयपुर, लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, झांसी, न्यू टाउन कोलकाता, अगरतला, भुवनेश्वर, कोहिमा आदि प्रमुख हैं।
नायडू ने बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने शहर का नाम भेजने के लिए कुछ और समय मांगा है जबकि उत्तर प्रदेश को अभी मेरठ और रायबरेली में से किसी एक शहर को चुनना है। उन्होंने कहा कि इन शहरों के नामांकन में केन्द्र सरकार की भूमिका केवल मानक तथा दिशा निर्देश तय करने की रही है जिनके आधार पर इन्हें राज्यों को चुनना था। नामांकित 98 शहरों में 24 राज्यों की राजधानियां, 24 व्यावसायिक और औद्योगिक केन्द्र, 18 सांस्कृतिक तथा पर्यटन महत्व के, 5 बंदरगाह शहर और 3 शिक्षा तथा स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के रूप में मशहूर हैं।
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योजना के पहले चरण में केन्द्र सरकार 20 शहरों के विकास के लिए काम करेगी। तथा अगले दो वर्षों में 40 शहरों को प्रमोट किया जाएगा। सलेक्ट किए गए सभी शहरों पर अगले पांच वर्ष में 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक शहर को अगले पांच वर्षों तक हर वर्ष 100 करोड़ रुपए सेंट्रल असिस्टेंस के रुप में दिया जाएगा।
कम विकसित शहरों के भी नाम दिए गए थे
राज्य सरकारों ने अपने अविकसित शहरों तथा कम पहचान वाले शहरों के नाम भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सलेक्ट होने के लिए भेजे थे। इनमें बिहार से बिहार शरीफ, यूपी से मुरादाबाद तथा सराहनपुर, हिमाचल प्रदेश से धर्मशाला, कर्नाटक से शिवामोगा शामिल हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर राज्य को केवल एक शहर का नाम देना था परन्तु वहां की सरकार ने दो नामों का प्रस्ताव भेजा।
ये हैं स्मार्ट सिटी बनाने के मानक
1. रिहाइश
2. एजुकेशन
3. बिजली और पानी
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
5. हेल्थ
6. ट्रांसपोर्ट
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