नई दिल्ली. भारत सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2016 लाना चाह रही है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने कुछ सुझाव दिए हैं।
उन प्रमुख सुझावों में से एक यह है कि स्कूलों में अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ाई को बंद कर देनी चाहिए। न्यास के अनुसार इन सुझावों पर संज्ञान लेने का भारत सरकार ने लिखित आश्वासन दे दिया है।
मांगी थीं प्रतिक्रियाएं
भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति 2016 के लिए इसी साल जून में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2016 के लिए इनपुट’ शीषर्क से अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए दस्तावेज पर मंत्रालय ने प्रतिक्रियाएं मांगी थीं।
नई शिक्षा नीति 2016 के लिए सुझाव
प्राथमिक शिक्षा की पढ़ाई प्रादेशिक राज्य भाषा में होना अनिवार्य हो।
छठी कक्षा के बाद भी अन्य विषय पढ़ाने का माध्यम प्रादेशिक राज्य भाषा रहे और अग्रेज़ी सिर्फ़ अतिरिक्त भाषा के तौर पर हो।
विदेशी भाषा को कॉलेज स्तर परही पढ़ाई जाए।
स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी के साथ-साथ प्रादेशिक भाषा भी हो।
शोध के लिए उन्हीं विषयों का चयन हों जो राष्ट्र हित में हों।
ये सुझाव लागू हो नहीं सकते
न्यास का यह सुझाव कोई नया नहीं है। यह उनका बहुत पुराना सुझाव है। इसे ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। ऐसा कुछ भी होने नहीं जा रहा है।प्रो. कृष्ण कुमार, प्रसिद्ध शिक्षाविद्