देवरिया. धारा 302, 307, 376, 452, 504, 326 जैसे संगीन धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जेल में बन्द विचाराधीन कैदी को इलाज के नाम पर मौज कराने का मामला सामने आया है। मामला यूपी के देवरिया जिले का है। कैदी को अस्पताल में बाकायदा मोबाइल उपलब्ध है और वह धड़ल्ले से बात भी कर रहा है। इसकी बानगी देवरिया में तब दिखी जब शुक्रवार को कैदी की अस्पताल में बेरोकटोक बात करती हुई फोटो सामने आई। उसे अचानक तबीयत खराब होने के नाम पर जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए गए विचाराधीन कैदी की फोन पर बात करने वाली तस्वीर सामने आई है। इस विचाराधीन कैदी को दो सिपाही इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए थे।तैनात सिपाही से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा जब जेल में बात कर रहे है तब तो आप छाप नहीं रहे वहां तो पूरा मोबाइल भरा पड़ा है।
अस्पताल में मोबाइल पर बात करता कैदी
इससे पहले जब ड्यूटी पर तैनात सिपाही से मोबाइल पर बात करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने विचाराधीन कैदी के मोबाइल पर बात करने से साफ इंकार कर दिया था । मामले में देवरिया जिला जेल के अधीक्षक डी के पांडेय ने कहा कि आप लोगों के जरिए मामले की जानकारी हुई है। इस मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
देवरिया जेल (फाइल फोटो)
बताते चलें कि सीएम योगी के शहर गोरखपुर में डॉक्टर शिवशंकर शाही से 20 लाख की फिरौती मांगने का मामला हाल ही में सामने आया था। डॉ. शाही को रंगदारी की कॉल करने वाला खुद को 50 हजार रुपए का ईनामी बदमाश बताया था और देवरिया जेल से कॉल करने की बात कहते हुए पैसे ना मिलने पर हत्या की धमकी भी दी थी। रंगदारी की मांग,धमकी की फोन कॉल का सिलसिला बढ़ने पर डॉक्टर ने आईजी को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद भी ये तस्वीर व्यवस्था की हकीकत बताने के लिए काफी है।
देवरिया जेल पहुंचे बाहुबली अतीक अहमद (फाइल फोटो)
याद रहे कि देवरिया जेल में ही बाहुबली अतीक अहमद भी बंद हैं। दावा किया गया था कि अतीक अहमद के आने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा कड़ी कर दी गयी है। इसके अलावा जेल में सुरक्षा के संबंधी और उपकरण जैसे हाई कैपेेेेसिटी वाला जैमर आदि लगाने की भी बात कही गयी थी। इसको लेकर मीडिया में कई खबरें भी आयी थीं। कुल मिलाकर कैदी जिस तरह से मोबाइल पर बात करता दिखा उससे योगी सरकार के उस दावे को धक्का लगा जिसमेंं उनकी सरकार आने से पहले कहा गया था कि कैदियों के लिये जेल को आरामगाह नहीं बल्कि जेल बनाया जाएगा।