नासा का फर्जी कर्मचारी सलाखों के पीछे
देवासPublished: Sep 27, 2016 11:42:00 pm
अंसार के मंसूबे नहीं जान सकी पुलिस
कमलापुर. अमरीका के नासा में चयन का दावा करने वाले फर्जी वैज्ञानिक अंसार खान का पुलिस रिमांड मंगलवार को खत्म हो गया, जिसे न्यायाधीश राजेंद्रसिंह ठाकुर के न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया है। रिमांड की अवधि में पुलिस आरोपित से उसके मंसूबे क्या थे, उसे जान नहीं सकी। आरोपी एक माह से नासा में चयन का दावा कर 1 करोड़ 25 लाख के पैकेज की बात लोगों से कर रहा था। आरोपित अंसार ग्राम के बनवारी लखोटिया, किसान संघ के प्रांतीय मंत्री नारायन यादव, कलन खां पठान आदि ग्रामीणों के घर जाकर कहता था कि सीएम से आप बात कर लो मेरी कलेक्टर साहब से रोज बात होती है।
हम बड़ा कार्यक्रम रखना चाहते हैं, जिसका संचालन व व्यवस्था आपको करना है। मेरी भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जैसे लोगों से बातचीत हो रही है। इस पर बनवारी ने अंसार से प्रश्न किए कि इसरो कहां है, नासा का फुल फॉर्म क्या है और नासा की कोचिंग कहां से की है। पूर्व में अंसार प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाया था।
दसवीं दो बार में की थी उत्तीर्ण
इसके बाद बनवारी अपने सााथियों के साथ उसके स्कूल पहुंचा था। सन 2011 से सन 2016 तक का बायोडाटा निकाला तो पता चला कि कक्षा नवीं में 46 फीसदी, दसवीं दो बार में उतीर्ण की, 11वीं भी 2014 में फैल, कक्षा 12वीं में भी अनुत्तीर्ण रहा। इसके बाद 12वीं का प्रायवेट फार्म डालकर 2016 में 500 में से 267 अंक प्राप्त कर मात्र 53 फीसदी से उत्तीर्ण की गई है। कम अंक आने पर बनवारी व साथियों को पूर्व में ही शंका हो गई थी, किंतु नासा का आई कार्ड देख लोग कुछ कर नहीं पा रहे थे।