धमतरी. ट्रायबल एरिया नगरी में जमकर केरोसिन की कालाबाजारी हो रही है। यहां के अधिकांश पीडीएस योजना के हितग्राही गैस सिलेंडर मिलने के बाद अपने कोटे के केरोसिन को दूसरों को बेच रहे हैं। इसका ज्यादातर उपयोग होटलों एवं ढाबों में हो रहा है। कालाबाजारी रोकने खाद्य विभाग भी कुछ नहीं कर रहा है।
यहां शौचायल बनाने के नाम पर चल रहा था गंदा काम, खुला राज तो मचा बवाल उल्लेखनीय है कि जिले में पीडीएस योजना के तहत 1 लाख 66 हजार 602 हितग्राही हैं। शासन ने रसोई को धुआं मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना शुरू किया है। इसके तहत महिलाओं को 2 सौ रुपए में गैस चूल्हा और सिलेंडर दिया जाता है। पीडीएस योजना के तहत हितग्राहियों का आधार लिंक किया गया है। इसके तहत उज्जवला योजना के हितग्राहियों को केरोसीन देना बंद कर दिया गया है।
अब खुद आप बना सकते है अपने ्रञ्जरू का पासवर्ड, नहीं रहेगा फ्रॉड का खतरा अब तक करीब 50 हजार हितग्राहियों के कोटे में केरोसिन आना बंद हो गया है। पहले जिले में हर महीने 360 किलो लीटर केरोसीन की आपूर्ति होती थी, जो अब घटकर 165 किलो लीटर हो गई है। विडंबना यह है कि शासन ने केरोसिन के मामले में ट्रायबल एरिया के हितग्राहियों को केरोसीन के मामले में छूट दे रखी है। अभी भी उन्हें हर महीने 3 लीटर केरोसीन दिया जा रहा है।
मासूम ने कहा-‘कलक्टर साहब मेरे घर में टॉयलेट बनवा दें नहीं कर रहे हैं उपयोग खाद्य विभाग के सूत्रों की माने तो गैस सिलेंडर मिलने के बाद नगरी क्षेत्र के अधिकांश हितग्राही केरोसीन का उपयोग करना बंद कर दिए हैं। अब वे गैस सिलेंडर से खाना बना रहे हैं। इसलिए यहां केरोसिन की कालाबाजारी बढ़ गई है। दलाल ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूमकर केरोसीन को एकत्रित करते हैं और इसे अधिक कीमत में होटलों और ढाबों में बेच देते हैं। इस तरह की लगातार शिकायत भी मिल रही है, लेकिन खाद्य विभाग कुछ नहीं कर पा रहा।
सहायक खाद्य अधिकारी व्हीएस ठाकुर ने कहा कि गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को अब केरोसीन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ट्रायबल एरिया के उपभोक्ता ही इससे लाभान्वित हो रहे हैं।