धार. उत्कृष्ट पढ़ाई में खलल न पड़े, इसलिए सरकारी ललित कला कॉलेज को घोड़ा-चौपाटी स्थित शासकीय बालक हाई स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था। करीब 14 साल से सरकारी स्कूल में चल रहे इस कॉलेज को अब चाणक्यपुरी में एक एकड़ जमीन आवंटित की गई है। फिलहाल जहां शहर की कला को तराशा जा रहा है, वह बारिश के पानी में धुलती नजर आ रही है। दरअसल, जिस सरकारी स्कूल में शासकीय ललित कला कॉलेज संचालित हो रहा है वहां की छत टपक रही है, जिससे यहां निखरे वाली कला पानी से सराबोर दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि शासकीय ललित कला कॉलेज में बीएएफ और एमएफए फाइन ऑट्र्स का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, जिसमें फिलहाल 20 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।
डेढ़ साल से कर रहे थे प्रयास
शासकीय ललित कला कॉलेज की जमीन को जमीन लेने के लिए कॉलेज प्रशासन करीब डेढ़ साल प्रयास कर रहे थे। यह जमीन उन्हें इस माह में आवंटित हो गई है। वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना है कि एसडीएम नीरज सिंह थे, तो उन्हें बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर यहां पर बुलाया गया था और उनके सामने भी कॉलेज की जमीन आवंटन की बात रखी थी। इस दौरान उन्होंने भी हमें जमीन दिलाने के लिए काफी मदद की। वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना है कि एसडीएम सिंह का स्थानांतरण नहीं होता, तो कॉलेज को जमीन काफी पहले ही मिल जाती।
छत टपकती है
घोड़ा चौपाटी स्थित शासकीय बालक हाई स्कूल के ऊपर शासकीय ललित कला महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। तमाम असुविधाओं के बावजूद भी यहां से एक से बढ़कर एक कलाकर निकले हैं। यहां पर 4 कमरे और हाल में कॉलेज का संचालन हो रहा है। यह भवन कई जगह से जर्जर हो चुका है। कॉलेज परिसर में प्रवेश करते ही छत से पानी टपकता है, जिससे पूरे परिसर में पानी फेल जाता है। इसके अलावा हॉल की भी छत टपकती है। सबसे ज्यादा समस्या तो बारिश के दिनों में आती है।
जमीन हुई आवंटित
कॉलेज के लिए हमें जमीन तो आवंटित हो गई है। इसके साथ ही हम जल्द ही पीडब्ल्यूडी को एक पत्र लिखकर एक स्ट्रीमेंट तैयार करवाएंगे ताकि कॉलेज का निर्माण किया जा सकें। संभवत: अगले सत्र तक बिल्ंिडग भी बनकर तैयार हो जाएगी।
-शशिकांत मूंडी, प्राचार्य, शासकीय ललित कला महाविद्यालय, धार