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पहले आंदोलन, फिर मानसून रूठा और अब इल्ली का संकट

locationधारPublished: Jul 22, 2017 12:24:00 am

Submitted by:

amit mandloi

दोबारा बोवनी पर फसलों पर इल्ली संकट, किसान हो रहे हलाकान, उत्पादन पर पड़ेगा असर

Dhar

Dhar

धार.पहले बोवनी मानसून आने के कारण खराब हो गई…, दूसरी बोवनी की तो सोयाबीन की फसल में इल्ली लग गई…, अब फिर बारिश नहीं होने से इल्ली का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है…, दवाई का छिड़काव करने के बाद भी इल्ली सोयाबीन के पत्ते में छेद कर रही है…। कुछ इसी तरह की समस्या से क्षेत्र के किसान जूझ रहे हैं।
धार से 14 किलोमीटर दूर ग्राम अनारद, सकतली, बिल्लोदा, पचलाना और मलगांव में जून में मानसून के साथ ही सोयाबीन की बोवनी कर दी थी। इसके बाद मानसून लंबी खेंच के चलते सोयबीन के बीज खराब हो गए थे और इन ग्रामों के किसानों ने दोबारा बोवनी की। अब किसानों की सोयबीन की फसल में इल्ली का प्रकोप छा गया है। सोयाबीन की फसल में हरी और काली इल्ली पौधे में छेद कर रही है। बताया जा रहा है कि किसानों ने समय पर दवाइयों का छिड़काव भी किया था, उसके बाद भी इल्ली का प्रकोप फसलों पर देखने को मिल रहा है।

उत्पादन प्रभावित होगा

किसानों का कहना है कि जिस प्रकार की बारिश होना चाहिए वह ठीक से हो नहीं है। अब फसलों को झमाझम बारिश का इंतजार है। यदि बारिश झमाझम हो जाती है तो सोयबीन की फसल पर पड़ी इल्ली भी बारिश के पानी से बह जाएगी। यदि बारिश झमाझम नहीं होती है तो सोयबीन का पौधा कमजोर हो जाएगा और उसकी लंबाई भी नहीं बढ़ेगी। इसका सीधा असर सोयाबीन के उत्पादन पर आगामी दिनों में देखने को मिलेगा। किसानों का कहना है कि पहले ही हम काफी परेशान हो गए है और इल्ली के प्रकोप ने हमें चिंता में डाल दिया है।
स्प्रे भी किया

इल्ली से बचाव के लिए हमने स्प्रे भी किया, लेकिन इल्ली का प्रकोप फसल पर देखने को मिल रहा है। यदि बारिश तेज हो तो इल्ली का प्रकोप कम हो जाएगा। इल्लियां सोयाबीन की फसल पर हैं और हमें लगातार छिड़काव करना पड़ रहा है।
-शांतिलाल, किसान, सकतली

काफी नुकसान हो गया

पहले जब बोवनी की थी तो मानसून आने के चलते मैंने दोबारा बोवनी की। दोबारा बोवनी के लिए कर्ज लिया। बोवनी करने के बाद अब फसल पर इल्ली का प्रकोप हो गया। इल्ली के चलते हमें काफी नुकसान हो जाएगा और आर्थिक बोझ भी बढ़ जाएगा।
-रतनलाल यादव, किसान, अनारद

दवाइयों का छिड़काव करें
सोयाबीन की फसल पर इल्ली हो गई है तो कोराजेन या फिर डाक्सर आर्ब का छिड़काव फसल पर करें ताकि इल्ली के प्रकोप को रोका जा सकें। इसके अलावा इल्ली छोटी है तो क्वनाल फॉस्ट का छिड़काव करें।

-जीएस गाठिए, कृषि वैज्ञानिक, धार

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