आज इन कार्यों के लिए बन रहे हैं बहुत ही शुभ मुहूर्त, होगा बड़ा फायदा
चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि सायं 6.28 तक, तदुपरान्त अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी
चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि सायं 6.28 तक, तदुपरान्त अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी व अमावस्या दोनों ही तिथियों में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं कहे गए हैं। चतुर्दशी तिथि में अग्निविषादिक कार्य, बंधन व शस्त्रादि दूषित कार्य सिद्ध होते हैं। अमावस्या तिथि में पितृकर्म आदि करने चाहिए।
नक्षत्र: आद्र्रा ‘तीक्ष्ण व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र दोपहर 12.19 तक, तदुपरान्त पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। आद्र्रा नक्षत्र में लड़ाई, बंधन, छेदन, मारण, जहर, मेलाप, अग्नि व विद्यादि कार्य प्रशस्त हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, गमन, अलंकार, कृषि व विद्यादि कार्य शुभ कहे गए हैं।
योग: व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग प्रात: 8.57 तक, तदन्तर हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.10 तक है। इसके बाद वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: रात्रि 8.46 पर सूर्यदेव सायन सिंह में प्रवेश करेंगे।
करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण प्रात: 8.09 तक, तदुपरान्त शकुनि व चतुष्पदादिक स्थिर संज्ञक करण रहेंगे। स्थिर संज्ञक करणों में पितृकार्य करना ऋषयादेश है।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438, मु.मास: सव्वाल-27
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : श्रावण। पक्ष – कृष्ण।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: 7.30 से प्रात: 9.11 तक शुभ तथा दोपहर 12.33 से सायं 5.35 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.06 से दोपहर 1.00 बजे तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
चन्द्रमा: चन्द्रमा अन्तरात्रि 4.29 तक मिथुन राशि में, इसके बाद कर्क राशि में रहेगा।
दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: 9.00 से 10.30 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (छ, के, को, ह, हो, हु) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि 4.29 तक जन्मे जातकों की राशि मिथुन व इसके बाद जन्मे जातकों की राशि कर्क है। इनका जन्म रजत पाद से है। सामान्यत: ये जातक धनवान, कीर्तिवान, साहसी, धर्मात्मा, कुछ अस्पष्ट वक्ता, कुछ विचलित मन- मस्तिष्क वाले, आडम्बरी, धार्मिक कार्यों में व्यर्थ प्रदर्शन करने वाले, पर तकनीकी बुद्धिवाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 25 वर्ष की आयु के उपरांत प्राय: हो जाता है। मिथुन राशि वाले जातकों के मन में आज बड़ी अस्थिरता रहेगी। आकस्मिक व्यय करना पड़ सकता है।
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