सूर्य को जल चढ़ाने से मिलते हैं ये लाभ, जानिए खास बातें
Published: Feb 06, 2016 01:12:00 pm
यदि केवल सूर्य की ही आराधना की जाए तथा नियमित रूप से अर्ध्य चढ़ाया जाए तो आपका भाग्योदय होने से कोई नहीं रोक सकता
ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना गया है। सभी ग्रहों को प्रसन्न करने के बजाय यदि केवल सूर्य की ही आराधना की जाए और नियमित रूप से अर्ध्य (जल चढ़ाना) दिया जाए तो आपका भाग्योदय होने से कोई नहीं रोक सकता।
सूर्य को जल चढ़ाने से होते हैं ये लाभ
जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो, या अन्य किसी ग्रह की प्रतिकूलता चल रही हो अथवा कोई सरकारी कामकाज अटका हुआ हो, कार्यस्थल पर अधिकारियों से अनबन चल रही हो, अथवा व्यापार सही नहीं चल रहा हो, उन सभी को प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाने से तुरंत लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त जिन्हें जेल जाने या नौकरी छूटने का डर हो, उन्हें भी सूर्याराधना तुरंत लाभ देती है।
तुरंत लाभ के लिए ऐसे चढ़ाए सूर्य को जल
सूर्य को जल चढ़ाने के लिए सदैव तांबे के लोटे का ही इस्तेमाल करना चाहिए। तांबा भी सूर्य की ही धातु है। जल में चावल, रोली, फूल पत्तियां (यदि गुलाब की हो तो सर्वश्रेष्ठ है) आदि डाल लेने चाहिए। इसके बाद जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप करें। गायत्री के अतिरिक्त आप भगवान सूर्य के 12 नामों का भी जाप कर सकते हैं ये 12 नाम निम्न प्रकार हैं-
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर, दिवाकर नमस्तुभ्यं, प्रभाकर नमोस्तुते।
सप्ताश्वरथमारूढ़ं प्रचंडं कश्यपात्मजम्, श्वेतपद्यधरं देव तं सूर्यप्रणाम्यहम्।।
सूर्य को अर्ध्य देते समय पानी की जो धारा जमीन पर गिर रही है, उस धारा से सूर्य को देखना चाहिए, इससे आंखों की रोशनी तेज होती है। अर्ध्य देने के बाद जमीन पर गिरे पानी से चरणामृत का पान करें तथा अपने मस्तक पर लगाएं। साथ ही आप सूर्यदेव को अपनी मनोकामना बताएं तथा उनसे इच्छापूर्ति का वरदान देने की प्रार्थना करें, कुछ ही समय में आपकी इच्छा अवश्य पूर्ण होगी।