अवंतिका के राजा भगवान महाकालेश्वर की रोज तड़के सुबह 4 बजे अनूठी भस्मारती की जाती है
mahakaleshwar bhasma aarti
श्रावण मास की शुरूआत होते ही एक ओर जहां पावन प्रेम में पगे लोगों का मन मयूर बन कर नाचने लगता है वहीं दूसरी ओर भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए व्याकुल हो उठते हैं।
वैसे तो पूर सावन में भोलेनाथ की पूजा की जाती है पर ज्योतिर्लिंगों के पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा ही महत्व उज्जैन में बारह ज्योतिर्लिंगों में स्थित भगवान महाकालेश्वर का है। यहा अवंतिका के राजा भगवान महाकालेश्वर की रोज तड़के सुबह 4 बजे अनूठी भस्मारती की जाती है। इस आरती को देखने के लिए देश-दुनिया से आते हैं।
इस आरती में महाकालेश्वर को भस्म लगाया जाता है और उनकी आरती की जाती है। इसके अलावा उनकी झांकिया भी निकाली जाती है जिसमें उनके अलग-अलग रूपों का वर्णन किया जाता है। जिसका दर्शन करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है।