script17 वर्षीया किशोरी बनीं साध्वी | 17-year-old teenager became the saint | Patrika News
धौलपुर

17 वर्षीया किशोरी बनीं साध्वी

कहते है कि मन में कुछ कर गुजरने
की इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य दुर्लभ नहीं है। मन की दृढ़ शक्ति ही जीवन की राह
दिखाते हुए मंजिल तक पहुंचाती है।

धौलपुरApr 15, 2015 / 12:12 am

कमल राजपूत

मनियां। कहते है कि मन में कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य दुर्लभ नहीं है। मन की दृढ़ शक्ति ही जीवन की राह दिखाते हुए मंजिल तक पहुंचाती है। कस्बे में मांगरोल रोड निवासी 17 वर्षीया किशोरी निधि जैन पुत्री विनोद कुमार ने कुछ ऎसा ही कर दिखाया। इस छोटी सी उम्र में बालिका ने अपने पुण्यकर्मो के उदय से साध्वी व्रत धारण कर लिया है। जिसका दीक्षा कार्यक्रम 19 अप्रेल को दिल्ली में होगा। किशोरी के पिता ने बताया कि छोटी सी उम्र से ही साध्वी व्रत के प्रति इसकी इच्छा जाग्रत हुई और पारिवारिक मोह माया से दूर होती चली गई।

बिनौरी से पूर्व सोमवार देर शाम को मांगलिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम अभिषेक, मेंहदी, महिला संगीत, डांडिया आदि हुए। बालिका की मां ने रोते हुए उसके हाथों पर मेंहदी लगाई। मंगलवार सुबह कस्बे में डोले पर बिठाकर बिनौरी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

शोभायात्रा को आदिनाथ जैन मंदिर से मुख्य बाजार होते हुए गांधी पार्क, नेहरू पार्क, हाइवे होकर निकाली गई। जिसका जगह-जगह स्वागत किया गया। उसके बाद आदिनाथ जैन मंदिर में गोदभराई कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। शोभायात्रा में परिजन, समाज एवं कस्बे के अन्य लोग शामिल हुए। साध्वी के घर भी समाज के लोगों की काफी भीड़ लगी रही। बालिका दिल्ली में 19 अप्रेल को दिगम्बर जैनेश्वरी दीक्षा प्राप्त करने के लिए जाएगी। जहां मुनि ऎलाचार्य वसुनंदी की ओर से दीक्षा दी जाएगी।

बालिका निधि बनीं स्तुति दीदी
साध्वी बनते ही बालिका निधि को स्तुति दीदी के नाम से जाना जाएगा। अब बालिका आजीवन स्तुति दीदी के नाम से ही जानी जाएंगी। लेकिन दीक्षा कार्यक्रम के बाद वसुनंदी किशोरी को नया नाम देगीं। माता पिता ने उसे साध्वी दीक्षा ग्रहण के लिए विदा किया, तब लोग अपनी आंखों के आंसू नहीं रोक पाए।
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