चंबल में स्कीमर का प्रजनन शुरू
राष्ट्रीय चंबल घडियाल सेंचुरी
में हल्की गर्मी की शुरूआत के साथ ही दुर्लभ पक्षी इण्डियन स्कीमर का प्रजनन
धौलपुर। राष्ट्रीय चंबल घडियाल सेंचुरी में हल्की गर्मी की शुरूआत के साथ ही दुर्लभ पक्षी इण्डियन स्कीमर का प्रजनन काल शुरू हो गया है। यहां नदी के बीच पानी कम होने पर निकल आए टापुओं पर इन दिनों स्कीमर के जोड़े प्रणय करते देखे जा सकते हैं। वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि इण्डियन स्कीमर साफ पानी की नदियों में पाई जाती है।
देश में इसकी संख्या करीब दस हजार के आसपास है। वहीं चंबल सेंचुरी में एक हजार से अधिक इण्डियन स्कीमर पाई जाती है। यह पक्षी गर्मी की शुरूआत के साथ ही जोड़ने बनाना शुरूकरता हैऔर चंबल के टापुओं पर प्रणय क्रीड़ा करता दिखाई देता है। मार्च के अंतिम सप्ताह तक यह टापुओं पर रेत में अपने घोंसले बनाने शुरू कर देते हैं और अण्डे देते हैं।
उड़ते हुए करता है शिकार
इण्डियन स्कीमर पानी के ऊपर उड़ते हुए मछली व कीड़ों का शिकार करता है। पानी में उड़ते हुए शिकार करने के लिए इसकी चोंच का निचला हिस्सा बड़ा होता है जबकि अन्य परिंदों की चोंच का ऊपरी हिस्सा बड़ा होता है। यह आधी चोंच को पानी डुबाकर उड़ता हैऔर शिकार कर लेता है।
सुरक्षित नहीं रहते टापुओं पर अण्डे
इण्डियन स्कीमर चंबल के टापुओं पर रेत में अण्डे देते हैं। जहां पानी में आने वाली भैंस, गाय व अन्य पशुओं के खुरों के नीचे आने से अण्डे टूट जाते हैं। ऎसे में कुछ स्थानों पर वन विभाग की ओर से अण्डों की सुरक्षा के लिए झाडियां लगाई जाती हैं। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि दुर्लभ पक्षी इण्डियन स्कीमर के अण्डों को बचाने के लिए सुरक्षा इंतजाम बहुत जरूरी है। इसके लिए वन विभाग को इनके प्रजनन स्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ानी चाहिए।
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