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धौलपुर

निजी स्कूलों पर चला जांच का डंडा

राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों
में मनमाने तरीके से बढ़ी फीस व आंकड़ों से अधिक बच्चों के स्कूल में
नामांकन

धौलपुरNov 28, 2015 / 05:19 am

कमल राजपूत

Dholpur news

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बसेड़ी। राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों में मनमाने तरीके से बढ़ी फीस व आंकड़ों से अधिक बच्चों के स्कूल में नामांकन को लेकर जांच-पड़ताल शुरू हुई है। इसके तहत बसेड़ी क्षेत्र के गांव जारगा में शुक्रवार को चार निजी शिक्षण संस्थाओं की पड़ताल में बच्चों की फीस में बढ़ोतरी पाई गई। वहीं बच्चों के अधिंकाश नाम फर्जी पाए गए।

राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद जयपुर से आए आरटीई के सहायक निदेशक सतेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश भर मे शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों की मनमानी फीस की शिकायतों की जांच पड़ताल का काम शुरू किया गया है। क्षेत्र के गांव जारगा में 5 निजी शिक्षण संस्थानों में से चार विद्यालयों की जांच शुक्रवार को ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी केदार गिरी के साथ की गई।

इन चारों विद्यालयो में निरीक्षण के दौरान गंभीर खामियां मिली। स्कूलों में नि:शुल्क सीटों पर अध्ययनरत बच्चों में से 10 से 15 प्रतिशत बालक ही उपस्थित मिले, जबकि अनुपस्थित बालकों में से अधिकांश के नाम फर्जी पाए गए। विद्यालयों ने अधिक पुनर्भरण राशि प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क सीटों पर भी फर्जी नाम दर्शाए हैं। अधिक बालकों की प्रविष्टि के लिए 75 प्रतिशत सीटों पर भी फर्जी नाम दर्शाए गए हैं।

पहली कक्षा में 770 बच्चों के नाम
निरीक्षण में सामने आया कि जारगा गांव में 5 गैर सरकारी विद्यालयों ने अपनी पहली कक्षा में ही 770 बच्चों का प्रवेश दर्शा रखा है, जबकि बालकों की इतनी संख्या इस क्षेत्र में है ही नहीं। इसके अलावा इन विद्यालयों में फीस भी मनमाने ढंग सेे बढ़ी पाई गई। इन विद्यालयों में वर्ष में 8 से 10 हजार तक फीस प्रमाणित की गई है, जबकि विद्यालयों में वास्तविक फीस काफी कम है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों ने इनके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय किया है।

इसलिए पड़ी जरूरत
सहायक निदेशक सतेन्द्र सिंह ने बताया कि चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे के आकंड़ों में 6 से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या शिक्षा परिषद के पास पहले से ही मौजूद है, जबकि निजी शिक्षण संस्थानो के रिकॉर्ड में इससे भिन्न जानकारी सामने आ रही है। इसी के आधार पर शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से समस्त राजस्थान मे जिला प्रभारी नियुक्त कर जांच का कार्य किया जा रहा है। यह जांच रिपोर्ट शिक्षा सचिव को सौंंपी जाएगी। उसके बाद इन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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