मसाला के साथ, दवा भी है लौंग
खांसी, जुकाम, सिरदर्द में लौंग, तुलसी के पत्ते और अदरक वाली चाय फायदा करती है
लौंग मसाला होने के साथ-साथ बेहतरीन औषधि भी है। यह चरपरी, कड़वी और तासीर में ठंडी होती है। लौंग नेत्र रोगों, दांतों की समस्या, खांसी, अजीर्ण, गैस, भोजन में अरूचि, उल्टी और अधिक प्यास लगने की तकलीफ में उपयोगी है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-
फायदे
1. प्रेग्नेंसी: लौंग को मिश्री के साथ पीसकर चाटने से गर्भावस्था में उल्टियां, जी घबराना और भोजन में अरूचि दूर होती है।
2. पाचन: खाने के बाद दो लौंग मुंह में रखकर चूसते रहने से पेट का तनाव कम होता है, आंतों में भोजन की पाचन गति बढ़ती है और आफरा, डकारे व गैस की समस्या दूर होती है।
3. गठिया: इसका तेल गठिया, सिरदर्द में लाभदायक होता है। कैविटी होने पर रूई की फुरेरी बनाकर रखने से दांतदर्द में आराम मिलता है।
4. सांस की दुर्गध: लौंग खाने से दांतों की बदबू, सांस की दुर्गध और पायरिया रोग में राहत मिलती है।
5. खांसी: खांसी, जुकाम, सिरदर्द में लौंग, तुलसी के पत्ते और अदरक वाली चाय फायदा करती है। लौंग को मुंह में रखकर चूसने से खांसी आनी बंद हो जाती है।
प्रयोग
लौंग का इस्तेमाल मंजन, पेस्ट, गोलियां, चूर्ण और चटनी आदि रूप में किया जाता है। पुलाव, खिचड़ी, केसरिया मीठा भात, कढ़ी, मठरी, गट्टे की सब्जी आदि व्यंजनों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। पान में भी लौंग डाली जाती है। मुंह पर होने वाले कील-मुंहासों के लिए लौंग को साफ जगह पर पानी में घिस लें। इस लेप को लगाने से लाभ होगा।
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