डाइट फिटनेस

नवरात्रों के दौरान इन बातों को मानने से रहेंगे हट्टे-कट्टे, दूर होंगी सब समस्याएं

नवरात्र में 9 दिनों तक व्रत के दौरान कुछ लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं

Oct 02, 2016 / 12:58 pm

सुनील शर्मा

meditation woman in dark

नवरात्र में 9 दिनों तक व्रत के दौरान कुछ लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जो लोग हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्या से पीडि़त हैं, उन्हें और गर्भवती महिलाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसे मरीजों में दिन में केवल एक बार भोजन करना समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मनोनीत अध्यक्ष डॉ के.के.अग्रवाल ने बताया, ”अगर पोषण की उचित गुणवत्ता शरीर को मिलती रहे, तो व्रत रखने से शरीर पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिन मरीजों को दिल की समस्या हैं, उन्हें आलू के पकौड़े और आलू के प्रोसैस्ड चिप्स जैसी तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। मधुमेह के मरीजों को उसी वक्त अपना व्रत खोल देना चाहिए जब उनके रक्त शर्करा का स्तर 60 एमजी से नीचे चला जाए। उन्हें दिन में काफी मात्रा में तरल आहार भी लेते रहना चाहिए, क्योंकि शरीर में डिहाइड्रेशन होने से लकवा या दिल का दौरा पड़ सकता है।”

उन्होंने कहा कि टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त मरीजों में व्रत रखने से खतरा कम होता है, लेकिन टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए। लंबी बीमारियों से पीडि़त मरीजों को व्रत रखते समय डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए, क्योंकि नियमित तौर पर चल रही दवाओं की खुराक व्रत की वजह से 40 से 50 प्रतिशत तक कम करने की जरूरत हो सकती है।

इसके साथ ही उन्होंने कुछ सेहतमंद सुझाव भी दिए
– सादा दही की बजाए लौकी का रायता खाएं।
– बीच में बादाम खाए जा सकते हैं।
– कुटृटू के आटे की रोटी कद्दू के साथ खाएं।
– थोड़ी थोड़ी देर बाद उचित मात्रा में फल खाते रहें ताकि शरीर में पोषक तत्व बने रहें।
– सिंघाड़े और कट्टू का आटा मिला कर पकाएं।
– सिंघाड़ा अनाज नहीं बल्कि फल है, इसलिए इसे अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है।
– सिंघाड़े के आटे में ग्लूटन नहीं होता इसलिए सीलियक बीमारी से पीडि़त या ग्लूटन से एलर्जी वाले मरीज इसका प्रयोग कर सकते हैं।

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