scriptजीन संपादन से रूकेंगी पैतृक बीमारियां | Amending gene in DNA will stop genetic disorders in mankind | Patrika News

जीन संपादन से रूकेंगी पैतृक बीमारियां

Published: May 07, 2015 09:12:00 am

कैलिफोर्निया में हैदराबाद के
शोधकर्ता प्रदीप 
रेड्डी और उनकी टीम ने विकसित की तकनीक

Cancer cell testing

Cancer cell testing

हैदराबाद। हैदराबाद के प्रदीप रेड्डी और कैलिफोर्निया के सॉल्क इंस्टीटयूट ऑफ बायोलॉजिकल स्टडीज के शोधकर्ताओं ने एक खास तकनीक विकसित की है। इससे बच्चों में उनकी मां से विरासत में मिलने वाली दिल, दिमाग व अन्य संबंधित बीमारियो को रोका जा सकेगा।

यह तकनीक शरीर का पॉवर हाउस कही जाने वाली माइट्रोकांड्रिया के डीएनए में उस समय संशोधन करती है जब यह शरीर मे रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न करती है। इसे अंडे और शुक्राणुओं के मिलन से पूर्व इन विट्रो निषेचन से संपादित किया जा सकता है। माइटोकॉन्ड्रिया का विकार शरीर के किसी एक या कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। इसके चलते व्यक्ति जन्म से मृत्यु तक गंभीर बीमारी से प्रभावित हो सकता है।

डीएनए का म्यूटेशन मुख्य रूप से वृहद ऊर्जा के साथ अंगों पर प्रभाव डालता है, जो मस्तिष्क और ह्वदय को प्रभावित करता है। चूहों पर इस तकनीक का सफल प्रयोग कि या गया और पैतृक बीमारियों को चूहों के अंडाणुओं मे जाने से रोका गया।

कौन है प्रदीप रेड्डी

प्रदीप रेड्डी ने स्वीडन से एक डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की है। एक शोध सहयोगी के रूप में सॉल्क संस्थान की बेलमौंट प्रयोगशाला में शामिल होने से पूर्व उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरेट पूरी की थी। इनकी तकनीक की खासियत है कि निषेचन से पूर्व अंडे में इंजेक्शन लगाकर जीन संशोधन कर पैत्रक बीमारी को दूर किया जा सकता है।
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