अस्थमा दिवस विशेष: एलर्जी की जांच से दूर हो सकती है बीमारी
मई के पहले
मंगलवार को मनाया जाता है अस्थमा दिवस, कुछ सावधानियों से हरा सकते हैं अस्थमा को
सांगानेर निवासी 4 वर्षीय मासूम शेखर (परिवर्तित नाम) को अस्थमा की शिकायत से परिजन सकते में है। डॉक्टर को दिखाया तो हर महीने 3 हजार की दवाओं का पर्चा थमा दिया। महीनों तक दवा लेने के बाद ज्यादा फायदा नहीं हुआ तो अस्थमा विशेषज्ञ को दिखाया। वहां एलर्जी जांच की तो सर्दी से अस्थमा की शिकायत बताई। फिर शुरू हुआ उपचार। चंद महीनों में बच्चा ठीक हो गया।
बताया गया मामला आपको जागरूक करने के लिए सामने लाया गया है ताकि आपकी जेब ढीली न हो। अब बात करते हैं सरकारी-निजी अस्पतालों में हजारों ऎसे बच्चों की, जिनका अस्थमा का इलाज चल रहा है। हर महीने हजारों की दवाएं निगलना उनके लिए मजबूरी है। अस्थमा-एलर्जी विशेषज्ञों के अनुसार बिना कारण जाने इस तरह का उपचार बीमारी को नियंत्रित कर सकता है, लेकिन जड़ से दूर नहीं। एलर्जी जांच के जरिये ऎेसे मामलों में कारण का पता लगाकर सस्ते उपचार से बीमारी दूर हो सकती है।
आंकड़ों में हकीकत
इस समय कुल बच्चों की जनसंख्या में से 15 प्रतिशत बच्चे अस्थमा पीडित हैं। 15 साल पहले तक यह प्रतिशत 2 से 5 था। दुनिया की बात करें तो 30 करोड़ अस्थमा के मरीज हैं। करीब 5 करोड़ भारत में है।
बच्चों में ऎसे उपचार
जिन बच्चों में शुरूआत में एलर्जिक राइनाइट्स (सर्दी, जुकाम, छींक) के लक्षण होते हैं। उन्हें आगे जाकर अस्थमा की संभावना अधिक होती है। ऎसे बच्चों को पहचान के बाद शुरूआत में ही विशेष थैरेपी दे दी जाए तो अस्थमा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
इस तरह जांच और उपचार
विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता प्राप्त जांचे हैं। यह जांच मरीजों से उसकी हिस्ट्री जानकर जरूरत के मुताबिक करवाई जाती है। जिसका खर्चा 400 रूपए से 4000 के बीच आता है। जांच में एलर्जी के कारण का पता लगाकर साप्ताहिक कोर्स दिया जाता है। तीन से चार महीने के कोर्स में अधिकतम 1500 रूपए का खर्चा आता है।
महंगी दवाइयां कैसे
एसएमएस अस्पताल के पूर्व अस्थमा रोग विभागाध्यक्ष डॉ.वीरेन्द्र सिंह के अनुसार अस्थमा के सटीक उपचार के लिए पहले उसके कारणों का पता लगाया जाना चाहिए। डॉ.सिंह के अनुसार गंभीर स्थिति में 2 से 4 हजार रूपए की दवाइयां दी जाती है। सामान्यतया 1000 रूपए मासिक का ही कोर्स काफी होता है। एसएमएस के एलर्जी विभाग के डॉ.अजीत सिंह के अनुसार एसएमएस में कई तरह की एलर्जी जांच उपलब्ध है।।
एलर्जी है मुख्य कारण
एलर्जी एवं अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ.एम.के.गुप्ता के अनुसार उनके यहां आए 1413 अस्थमा मरीजों की एलर्जी जांच करवाई गई। इनमें 861(60.9 प्रतिशत) मरीज एलर्जन सेंसेटिव पाए गए। एलर्जी के मुख्य कारणों में वातावरण में पाया जाने वाला अत्यंत सूक्ष्म कीड़ा (हाउस डस्ट माइट), पराग कण, बंदर की रोटी (छलील के पेड़ की एलर्जी), पार्थेनियम (गाजर घास), जंक फूड आदि सामने आए।
अस्थमा के मरीजों को बीमारी की पहचान कर संबंधित कारण से दूर रहना चाहिए। धूल के संपर्क में न आए, वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरते, मरीजों को अच्छे बिस्तर (पुराने बिस्तर का) का इस्तेमाल करना चाहिए। विशेषज्ञ से सलाह व जांच के बाद ही दवाइयां लेनी चाहिए।
– डॉ.नरेन्द्र खिप्पल, श्वांस रोग संस्थान
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