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जानिए कितनी तरह का होता है फ्लू और उससें कैसे बचें

Published: Jul 04, 2017 04:14:00 pm

Submitted by:

Anil Kumar

फ्लू कई तरह के होते हैं जिनके लक्षण भी अलग—अलग होते हैं।

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नई दिल्ली। फ्लू एक ऐसी बीमारी है जो कई तरह की होती है। इनमें स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू अथवा फिर वेदर फ्लू शामिल है। इन सब में अंतर होता है जिसे पहचानने की बेहद जरूरत होती है। यहां हम आपको बता रहे हैं फ्लू को पहचाना कि वास्तव में फ्लू है या नहीं? हालांकि केवल लक्षणों के आधार स्पष्ट पता नहीं किया जा सकता कि किस मरीज को कौनसा फ्लू है। लेकिन कई ऐसे लक्षण जिनके दिखने पर डॉक्टर की सलाह पर जांच करवाकर उनकी पुष्टि की जा सकती है।


ऐसे होता है फ्लू
मनुष्यों में मौसमी फ्लू काफी समय से होता आ रहा है। इससे लड़ने के लिए शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भी तैयार रहता है। इस वजह से कुछ ही दिनों में फ्लू के लक्षणों से रोगी को छुटकारा मिल जाता है। लेकिन स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू मनुष्यों में हाल के दिनों में होने लगा है। इनके लिए मनुष्यों का प्रतिरक्षा तंत्र उतना तैयार नहीं हुआ है। इस वजह से इनके होने पर कई बार लक्षण गंभीर हो जाते हैं और रोगी की मृत्यु तक हो जाती है।


ये होते हैं फ्लू के लक्षण
रोगी के बुखार, नाक बहना, छींक आना, खांसी, बदन दर्द, पेट दर्द, उल्टियां और दस्त फ्लू के सामान्य लक्षण हैं। इतना ही नहीं बल्कि इसके वायरस का प्रभाव य​दि फेफड़ों पर हो जाए तो रोगी को फ्लू और न्यूमोनिया भी हो सकता है। आगे चलकर यही न्यूमोनिया बढ़कर गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है जिससे जान को खतरा हो सकता है।


फ्लू से ऐसे बचें
उपरोक्त लक्षण दिखने पर रोगी में फ्लू की पुष्टि करवाने के लिए डॉक्टर के पास जाएं और जो जांच वो लिखें उन्हें कराएं। क्योंकि कई बार एंटीवायरल दवाओं से भी फ्लू का उपचार किया जा सकता है। साथ ही फ्लू से बचने के लिए 2 बातों का विशेष ध्यान रख जाना चाहिए। इनमें पहला है कि खांसते या छींकते समय नाक और मुंह पर रुमाल या कोई कपड़ा रखें। वहीं दूसरी बात ये है कि हाथों को लगातार धोते रहें। क्योंकि फ्लू का विषाणु हवा में उड़कर हाथों के जरिए ही एक मनुष्य से दूसरे में फैलता है।
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