गर्भाशय कैंसर की जल्द पहचान संभव
Published: May 27, 2015 11:30:00 am
सामान्य कोशिकाओं को गर्भाशय कैंसर की प्रारंभिक अवस्था की
पहचान में उपयोग नहीं किया जा सकता
वाशिंगटन। वैज्ञानिकों ने ऎसे जेनेटिक मटेरियल की खोज की है, जो कैंसर की कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें सामान्य कोशिकाओं से अलग कर सकता है। इस खोज के साथ ही गर्भाशय कैंसर की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो पाने के रास्ते खुल गए हैं। इन जेनेटिक मटेरियल में छह एमआरएनए आईसोफार्म्स शामिल हैं, जो गर्भाशय कैंसर की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं, लेकिन सामान्य कोशिकाओं को गर्भाशय कैंसर की प्रारंभिक अवस्था की पहचान में उपयोग नहीं किया जा सकता।
गर्भाशय कैंसर की पहचान और इलाज काफी मुश्किल है, जिस कारण इसे खतरनाक जानलेवा बीमारी माना जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सेन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसीन एवं मूरेस कैंसर सेंटर के शोधकर्ता वैज्ञानिक क्रिश्चियन बेरेट ने कहा कि हमें इसकी प्रेरणा कई अध्ययनों से मिली जो कैंसर की पहचान के लिए डीएनए के इस्तेमाल को लेकर किए गए थे।
वैज्ञानिकों ने छह एमआरएनए आईसोफार्म मोलेक्यूल्स की खोज की, जिनमें टयूमर के लक्षण होते हैं और जिनसे गर्भाशय कैंसर की पहचान होती है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए 296 गर्भाशय कैंसरों से एकत्र किए गए एमआरएनए के अनुक्रम आंकड़ों एवं 1,839 सामान्य उत्तकों का विश्लेषण किया। यह अध्ययन “प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज” में प्रकाशित हुआ है।