‘न्यूट्रीशनल बॉयोकेमिस्ट्री’ पत्रिका में छपे इस शोध के मुताबिक बैंगनी आलू को उबालने के बाद भी उसके कैंसररोधी गुण खत्म नहीं होते हैं। उनके अनुसार बैंगनी रंग के आलू में कई केमिकल इस प्रकार के हो सकते हैं, जो पेट के कैंसर की स्टेम कोशिकाओं को खत्म करने के लिए अलग-अलग तरह से काम करते हैं।
रिसर्चर वानामाना ने बताया कि बैंगनी रंग के आलू को कैंसर के लिए पहली और दूसरी रोकथाम रणनीति में इस्तेमाल किया जा सकता है। पहली रणनीति में कैंसर के बढ़ते प्रभाव को रोका जाता है, जबकि दूसरी रणनीति में रोगियों को कैंसर से पूरी तरह मुक्त करना होता है। बैंगनी आलू इन दोनों ही रणनीतियों में प्रभावी साबित होता है।