अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्ययन के सह-प्रमुख लेखक थियोडोर ब्रास्की ने कहा, इंडोमेट्रियल कैंसर में गंभीर सूजन होता है और यह तेजी से बढ़ता है
न्यूयॉर्क। गर्भाशय के कैंसर से जूझ रहे मरीजों में एस्पिरिन तथा आईबूप्रोफेन जैसी नॉन स्टेरॉयड सूजन रोधी दवाओं (एनएसएआईडी) का खतरनाक असर सामने आया है। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्ययन के सह-प्रमुख लेखक थियोडोर ब्रास्की ने कहा, इंडोमेट्रियल कैंसर में गंभीर सूजन होता है और यह तेजी से बढ़ता है। लेकिन हालिया आंकड़े यह दर्शाते हैं कि एनएसएआईडी का सेवन रोकने से सूजन में कमी आती है।
ब्रास्की ने कहा, हमारा अध्ययन चौंकाने वाला है, क्योंकि यह पिछले अध्ययन के निष्कर्ष के खिलाफ है, जिसके मुताबिक सूजन को रोकने में एनएसएआईडी फायदेमंद होता है और यह कोलोरेक्टल कैंसर जैसे कुछ कैंसर को बढऩे से रोकने या इससे होने वाली मौतों के खतरे को कम करता है। शोधकर्ताओं ने इंडोमेट्रियल कैंसर से पीडि़त 4,000 से अधिक मरीजों पर अध्ययन के दौरान पाया कि एनएसएआईडी के इस्तेमाल से इस कैंसर के बढऩे या इससे मौत का खतरा 66 फीसदी बढ़ गया।
अधिक खतरनाक कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने में एनएसएआईडी की कोई भूमिका सामने नहीं आई है। यह अध्ययन पत्रिका ‘जर्नल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट’ में प्रकाशित हुआ है।