scriptतेज धड़कनें यानी वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया | Ventricular tachycardia: Causes, symptoms and treatment | Patrika News

तेज धड़कनें यानी वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया

Published: May 07, 2015 10:14:00 am

इस रोग से युवा भी पीडित हो सकते हैं, ऎसे में कार्डियोवर्टर डिफ्राइब्रिलेटर्स
प्रत्यारोपण से उन्हें लाभ होता है

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वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया या वीटी हार्ट की एक लय है, जिसकी उत्पत्ति दिल के नीचे के चैंबर से होती है और इसकी वजह से दिल तेजी से धड़कता है। यह आमतौर पर दिल की असामान्य विद्युतीय गतिविधि है। वेंट्रीकल्स (निलय) दिल का मुख्य पंपिंग चैंबर होता है। इससे जानलेवा अरिदि्मया (अतालता) होने का खतरा रहता है, जिससे अचानक मौत तक हो सकती है। भारत में 5-10 फीसदी लोगों में वीटी की समस्या होती है।

कारण
इसका कारण निलय का क्षतिग्रस्त होना है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। प्राथमिक एंजियोप्लास्टी के बाद इसके क्षतिग्रस्त हिस्से पर भार में भी कमी आती है।

लक्षण
दिल का तेजी से धड़कना, बेहोशी, सीने में दर्द या बार-बार दौरे आना।

उपचार
इसके किसी भी मामले में व्यापक जांच होती है। आनुवांशिक कारणों की भी जांच की जाती है। इस रोग से युवा भी पीडित हो सकते हैं, ऎसे में कार्डियोवर्टर डिफ्राइब्रिलेटर्स (आईसीडी) प्रत्यारोपण से उन्हें लाभ होता है। आईसीडी, पेसमेकर की तरह एक छोटी मशीन है, जिसे बाएं पेक्टरल हिस्से में लगाया जाता है और उसे एक तार के जरिए निलय से जोड़ते हैं। यह हार्ट की खराब लय का पता लगाती है और इस लय को रोकने के लिए झटका देती हैै। इलाज की दूसरी विधि है दिल का 3डी री-कंस्ट्रक्शन करने के बाद वीटी सब्सट्रैक्ट के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन।

डॉ. नितिन कंसल, कंसल्टेंट,
कार्डियोलॉजिस्ट एवं इलैक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट, जयपुर
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