झारखंड में स्कूलों की हालत खराब, ना मध्याह्न भोजन ना अच्छी शिक्षा
दुमकाPublished: Dec 05, 2016 07:41:00 pm
आयोग की एक टीम 25 नवंबर को दुमका
गई थी। इस दौरान शहर के धातिक बोना प्राथमिक विद्यालय तथा हिजला एवं डंगाल
पाड़ा मध्य विद्यालयों का निरीक्षण किया…
childrens abused for mid day meal food
दुमका। आयोग की एक टीम 25 नवंबर को दुमका गई थी। इस दौरान शहर के धातिक बोना प्राथमिक विद्यालय तथा हिजला एवं डंगाल पाड़ा मध्य विद्यालयों का निरीक्षण किया। इन स्कूलों में न तो ठीक से पढ़ाई होती है और न ही सही ढंग से मध्याह्न भोजन दिया जाता है। बच्चों की उपस्थिति भी काफी कम पायी गई।
उक्त बातें झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ मनोज कुमार ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को पत्र लिखकर बताईं। इन पत्रों के द्वारा उन्होंने दुमका के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। कहा कि इन स्कूलों में प्राचार्य बिना सूचना के गायब थे।
प्रभारी प्राचार्य नीलम कुमारी ने बताया कि बच्चों को डेढ़ बजे छुट्टी दे दी जाती है। पूछताछ में बताया गया कि मध्याह्न भोजन में कभी कभार ही दाल दिया जाता है। राजकीय विद्यालय में बच्चों को दाल-भात की जगह उबला आलू और अंडा खाते देखा गया। बच्चों के अनुसार कभी मौसमी फल नहीं दिया जाता। मध्याह्न भोजन में ऐसी लापरवाही बच्चों के अधिकार का हनन है।