scriptमृतक संख्या सात, नहीं जले चूल्हे | Death toll to seven, not charred stove | Patrika News
डूंगरपुर

मृतक संख्या सात, नहीं जले चूल्हे

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या
आठ पर रविवार रात शिशोद के समीप बिनौले पर कंटेनर के चढ़ने से छह व्यक्तियों की हुई
मौत को लेकर सामान्य चिकित्सालय

डूंगरपुरMay 26, 2015 / 06:48 am

कमल राजपूत

Dungarpur news

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डूंगरपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर रविवार रात शिशोद के समीप बिनौले पर कंटेनर के चढ़ने से छह व्यक्तियों की हुई मौत को लेकर सामान्य चिकित्सालय में रात भर मृतकों के परिजनों व विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीणों की रेलमपेल लगी रही। हर कोई हादसे में मृत लोगों एवं घायलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने को लेकर बदहवास हालत में चिकित्सालय परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर चक्कर लगाते नजर आए।

देर रात हादसे मेें मृत सभी छह व्यक्तियों की शिनाख्त कर ली गई। इधर, डूंगरपुर से उपचार के लिए उदयपुर रैफर युवक ने भी दम तोड़ दिया। इस पर उसका शव भी वापस यहां लाया गया। इस तरह इस हादसे में कुल सात व्यक्तियों की मौत हो गई। हादसे में 14 लोग घायल हुए है। उपचार के लिए डूंगरपुर, उदयपुर, हिम्मतनगर तथा मोडासा चिकित्सालय में भर्ती कराया है। पुलिस ने सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद सभी सात मृतकों के शवों को उनके परिजनों को सौंपा।

फूट पड़ी अश्रुधारा
सोमवार सुबह सामान्य चिकित्सालय के मुर्दाघर के निकट बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपति महावर , उपाधीक्षक माधोसिंह सोढ़ा सहित अन्य पुलिसकर्मी पूरी तत्परता के साथ मृतकों के पंचनामा एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के कार्य में जुटे हुए थे। चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी पोस्टमार्टम की कार्रवाई को अंजाम दे रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद शवों को यहां से वाहन से उनके पैतृक गावों में ले जाया जा रहा था कि वहां मौजूद हर शख्स की आखों से सहज ही अश्रुधारा फूट पड़ी। परिवारजन तथा रिश्तेदार अपने परिवार के सदस्य की मौत पर करूण विलाप कर रहे ग्रामीणजन उन्हें ढांढस बंधा रहे थे।

चिकित्सालय में जमावड़ा
हादसे में मृत व्यक्तियों तथा घायलों के बारे में जानकारी प्राप्त करने को लेकर विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों की रात भर सामान्य चिकित्सालय में रेलमपेल लगी रही। इस मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी एवं कार्मिक जन भावनाओं की कद्र करते हुए उन्हें शालीनता के साथ मुर्दाघर में प्रवेश करा रहे थे।

कलक्टर, एसपी पहुंचे
देर रात घटना स्थल से लौटने के बाद जिला कलक्टर इन्द्रजीतसिंह तथा पुलिस अधीक्षक जगदीशचन्द्र शर्मा सामान्य चिकित्सालय पहंुचे। उन्होंने वार्ड में जाकर प्रत्येक घायल की कुशलक्षेम पूछी तथा चिकित्सकों को उनके उपचार को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

पहुंचे मुर्दाघर
डूंगरपुर विधायक देवेन्द्र कटारा, जिला प्रमुख माधवलाल वरहात, भाजपा के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह सोलंकी, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ताराचन्द भगोरा, प्रधान लक्ष्मणलाल कोटेड, चम्पालाल लबाना, रमेश जैन सहित कई जनप्रतिनिधि सामान्य चिकित्सालय के मुर्दाघर पहंुचे तथा शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया।

ये काल कलवित
इस हादसे में जीवण (45)पुत्र पेमजी पटेल निवासी हथोड़, गौतम (35)पुत्र मोगजी पटेल निवासी गामडी अहाड़ा, दिनेश (25) पुत्र धूला पटेल निवासी छापी, लीला (30)पत्नी कुबेर पटेल निवासी घडमाला, कचरा (25)पुत्र लालजी निवासी छापी, दिपेश (5) पुत्र गौतम पटेल निवासी हथौड तथा राहुल उर्फ राजेश (17) पुत्र भाणा पटेल की मौत हो गई। इन सभी की शिनाख्त उनके परिजनों ने की।

यह हुए घायल
इस हादसे में शिशोद निवासी भरत (16 )पुत्र जीवण, राजेश (17)पुत्र पदमचंद, छापी निवासी कुरी (40)पत्नी लालजी , रेखा (22)पत्नी मानशंकर, जीवण (35) पुत्र धूला, मोगा (25) पुत्र दला, भेहणा निवासी अमन (4)पुत्र शंकर, माण्डवा भेरा भाई निवासी वाला(35)पुत्र धूला, शीतल(6 ) पुत्री हीरा, रोनिका(5) पुत्री हीरा , मोकरवाड़ा निवासी संजना (9)पुत्री कचरू, घूघरा निवासी जीवत (25)पत्नी नाथू, मणि (25)पुत्री भगवान तथा उदयपुरा निवासी बाबूलाल (25)पुत्र हीरा पटेल घायल हो गए।

दूर देश में उभरा दर्द
गांव हथौड़, चारो और सन्नाटा। लोग कंधे पर लकड़ी उठाकर श्मशान की ओर जाते नजर आए। बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल पाया। मृतक जीवण पटेल के आंगन में महिलाएं विलाप करती दिखी। जीवण की रिश्तेदार कान्ता ने बताया कि बेटा मुकेश कुवैत में है। वह उसकी छह वर्ष पहले हुई मां की मृत्यु पर भी नहीं आ सका, और अब पिता की मौत पर भी। हथौड़ से उठी दूसरी अर्थी नन्हें दीपक उर्फ दीपेश की थी। माता-पिता का ये इकलौता लाल था। चचेरे भाई गौतम ने बताया कि दीपक के पिता गौतमलाल कुवैत में है।

पिता पर आ पड़ा भार : छापी के कचरा का इन्तजार उसकी मां गंगा मानो दरवाजे पर खड़ी होकर अब भी कर रही थी। मौजूद लोगों ने बताया कि उसका तीन माह का नन्हा बेटा है। पत्नी हाकेर कुछ बोल-सुन नहीं सकती। पिता लालजी पर अब बढ़ती उम्र में जैसे पूरे परिवार का भार आ पड़ा।
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