scriptनहीं मिट रहा कुपोषण का दाग | Not erased the stain of malnutrition | Patrika News
डूंगरपुर

नहीं मिट रहा कुपोषण का दाग

जनजाति बहुल डूंगरपुर में सरकार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति

डूंगरपुरFeb 10, 2016 / 09:24 pm

मुकेश शर्मा

dungarpur

dungarpur

डूंगरपुर।जनजाति बहुल डूंगरपुर में सरकार तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने को लेकर लाख जतन करने के बावजूद भी कोई विशेष सुधार सामने नहीं आ रहा है। जिले में 42 हजार 102 बच्चे कुपोषण तथा 316 बच्चे अतिकुपोषण का शिकार हैं। जिले के आठ ब्लॉक में संचालित 1625 मुख्य आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा 471 मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों पर गत दिनों पंाच वर्ष तक की आयु वर्ग के एक लाख 47 हजार 448 बच्चों का विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों के अनुसार वजन लिया गया। इनमें से एक लाख पांच हजार 30 बच्चे सामान्य श्रेणी में, 42 हजार 102 कुपोषित तथा 316 बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में पाए। विभाग पूरक पोषाहार पर लाखों रुपए प्रतिमाह खर्च कर रहा है, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं।

306 को एमटीसी केन्द्रों पर भेजा

जिले के 316 अतिकुपोषित बच्चों में से 306 को चिकित्साकर्मियों की सलाह पर स्वास्थ्य लाभ के लिए एमटीसी केन्द्रों पर भेजा गया।

33 फीसदी पोषाहार से वंचित


जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत बच्चों मेंं से 33 फीसदी बच्चे पूरक पोषाहार का लाभ नहीं उठा रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्मिकों की ओर से घर-घर जाकर पोषाहार से होने वाले लाभ की जानकारी अभिभावकों को देने के बावजूद भी बच्चे पूरक पोषाहार के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं।

रखी जा रही निगरानी

कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों पर आंगनवाड़ी कार्मिको की ओर से विशेष निगरानी रखी जा रही है। इन बज्जों को अतिरिक्त पोषाहार भी दिया जा रहा है। बच्चों को न्यूट्रिशन युक्त उचित आहार देने को लेकर अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अभियान के भी सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। लक्ष्मी चरपोटा, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो