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यातायात तार-तार, सब लाचार

locationडूंगरपुरPublished: Aug 24, 2015 06:21:00 am

जिला मुख्यालय सहित जिले के
विभिन्न क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। वाहन चालक जैसे मर्जी, वैसे
वाहन चला रहे हैं। इन हालातों में राहगीर को

Dungarpur news

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डूंगरपुर। जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। वाहन चालक जैसे मर्जी, वैसे वाहन चला रहे हैं। इन हालातों में राहगीर को हरदम यह डर बना रहता है कि कहीं कोई वाहन टक्कर ना मार दे। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल साबित हो रहा है। पुलिस व्यवस्था में सुधार को लेकर कभी कभार कवायद करती है, लेकिन चंद दिनों में हालात ढाक के तीन पात जैसे हो जाते हैं। यातायात सलाहकार समिति की बैठकों में दिए जाने वाले सुझावों तथा किए निर्णयों की क्रियान्विति भी नहीं हो पाती है।

शहर के तहसील चौराहा से औद्योगिक क्षेत्र तक को नो-पार्किग-जोन घोषित कर रखा है। बावजूद क्षेत्र में वाहनों का जमावड़ा रहता है। तहसील चौराहा से पुराना बस स्टैण्ड मार्ग पर सड़क किनारे ठेलालारियों पर सब्जी बेचने वालों के खडे रहने से यातायात बाधित होता है। यहां व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के आगे दुपहिया वाहन खड़े रहने से दुर्घटना का अंदेशा रहता है। पशु चिकित्सालय के निकट भी भारवाहक ऑटो खड़े रहने से दुर्घटना होती रहती हैं।

यहां भी समस्या
नया बस स्टैण्ड के निकट निजी बसें, मिनी बसें, जीपों एवं टेक्सियों का जमावड़ा रहता है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के आगे वाहन खड़े रखने से चालकों तथा व्यवसायियों के बीच तकरार होती रहती है। बस स्टैण्ड क्षेत्र में माथूगामड़ा मार्ग तथा रेती स्टैण्ड के बीच भी यातायात अवरूद्ध होता रहता है। यहां यातायात पुलिसकर्मी तमाशबीन की तरह खड़े रहते है, लेकिन व्यवस्था में सुधार की जमहत नहीं उठाते हैं। यही हाल रेती स्टैण्ड के पास भी है।

रोजाना दुर्घटनाएं
तहसील चौराहा से सर्किट हाउस तथा नवाडेरा मार्ग पर ऑटो तथा जीपें सड़क किनारे खड़ी रहने से आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। सवारियां को लेकर वाहन चालकों के बीच तकरार भी होती है। राजश्री टॉकीज के निकट, पुराना अस्पताल तिराहा, माणक चौक, कानेरापोल में ऑटो सहित अन्य वाहनों के जमावड़े से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

वन-वे की पालना नहीं
शहर के भीतरी हिस्सो में एक तरफा यातायात व्यवस्था की पालना नहीं हो रही है। सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश निषेध होने के बावजूद भारी वाहन घुस जाने से यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। दोपहर में छुट्टी होने पर स्कूल बसें गुजरने पर सर्वाधिक परेशानी होती है। इस दौरान जरा सी असावधानी से दुर्घटना होनी तय है।
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