उन्होंंने कहा कि मुशरिफ का संघ को आतंकी संगठन कहना पूरी तरह से गलत है और मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं जितना भी संघ को जानता हूं, यह राष्ट्रीय सोच और निश्चित सांस्कृतिक विचारों का एक सामाजिक संगठन है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत एक सामाजिक संगठन को आतंकवादी संगठन बताना गलत है। ये आतंक के वास्तविक खतरे से भटकाने का सीधा प्रयास है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र कैडर के रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर मुशरिफ ने कहा कि था कि आरएसएस भारत का नंबर वन आतंकी संगठन है।
ठाकुर से जब पूछा गया कि संघ से जुडऩा बीजेपी से सियासत करने की तैयारी है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं जब भी राजनीति में आऊंगा, निश्चित तौर पर बीजेपी में ही जाऊंगा।
यह एक लोकतांत्रिक और राष्ट्रवादी पार्टी है। यहां वंशवाद की स्थिति नहीं है और हर व्यक्ति अपनी भूमिका निभा सकता है। बीजेपी और संघ को लेकर सांप्रदायिकता की केवल भ्रांतियां हैं। हालांकि उन्होंने माना कि हर पार्टी में ऐसे लोग हैं जो अवांछनीय है और निश्चित तौर पर सुधार की जरूरत है।
ठाकुर ने कहा कि आईपीएस अफसर या सामाजिक कार्यकर्ता की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए राजनीति में जाना ही होगा। वीआरएस लेने या सरकारी सेवा समाप्त होने के बाद राजनीति में जा सकते हैं।