एसमा डी सिल्वा को पसीने की यह बीमारी तब से है जब वह किशोरी थी। मेडिकल की भाषा में इसे “हाइपरहाइड्रोसिस” कहते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, वैसे-वैसे उसकी चिंता बढ़ती गई। यह समस्या इतनी बढ़ गई कि उसे काम से अवकाश लेना पड़ा।
ब्रिटेन के बर्कशायर की रहने वाली एसमा ने कहा कि पसीने की समस्या के कारण उसका आत्म-सम्मान डगमगा गया था और इसकी वजह से लोग उसे अजीब नजरों से देखते थे। लेकिन, 25 वर्षीय इस पीआरओ की यह समस्या धीरे-धीरे ठीक हो रही है। यही नहीं, उसकी सगाई भी हो गई है।
एसमा ने कहा कि इस बीमारी के कारण मुझे ऎसा लगता था कि मैं कभी नौकरी नहीं कर पाउंगी और इसकी वजह से लोग मुझे घूरते थे। यहीं नहीं, स्कूल में भी सहपाठी मुझे इस वजह से चिढ़ाते थे। इस बीमारी की वजह से मुझे लगने लगा था कि लोग मेरे बारे में बात कर रहे हैं या मेरा मजाक कर रहे हैं।
पसीने की वजह से मेरे जीवन पर काफी बुरा असर पड़ा। स्कूल से आने के बाद प्रत्येक रात को मैं अपनी यूनिफॉर्म धोती थी। मैं इस बात का भी ध्यान रखती थी कि स्कूल में मेरे पास डियोडेरेंट्र, परफ्यूम और अतिरिक्त स्कूल ड्रेस हो।
एसमा ने बताया कि इस समस्या से मुझे आराम मिला जब मेरी एक सहेली ने सोने से पहले मुझे ओडाबान एंटीपरसिपेरेंट लगाने के लिए कहा। जब से मैंने इसे लगाना शुरू किया, पसीना आना कम हुआ है और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा है।