चार साज से चल रहा था काम
चार साल की उम्र से ही एलीजाह के कानों की सर्जरी का काम शुरू हो गया था, जिसके चलते उसके कानों को बनाने के लिए पांच सर्जरी की गईं। आखिरी सर्जरी जुलाई में हुई। मूर्ति ने कहा है कि यह एक रचनात्मक प्रक्रिया है। हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से सब कुछ सुचारू तौर पर करना चाहता है, इसलिए हमें कानों की वास्तविक आकृति निर्मित करने के लिए कई बार नए सिरे से सर्जरी करनी पड़ी।
चार साल की उम्र से ही एलीजाह के कानों की सर्जरी का काम शुरू हो गया था, जिसके चलते उसके कानों को बनाने के लिए पांच सर्जरी की गईं। आखिरी सर्जरी जुलाई में हुई। मूर्ति ने कहा है कि यह एक रचनात्मक प्रक्रिया है। हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से सब कुछ सुचारू तौर पर करना चाहता है, इसलिए हमें कानों की वास्तविक आकृति निर्मित करने के लिए कई बार नए सिरे से सर्जरी करनी पड़ी।
बच्चे को मिला आत्मविश्वास
एलीजाह की मां कॉलिन बेल का कहना है कि उसने सर्जरी के बाद अब अपने अंदर एक नया आत्मविश्वास पाया है। अब उसने अपने आप से प्यार करना सीखा है। यह सच में उसके जीवन में बड़ा फर्क लाने वाला होगा।
एलीजाह की मां कॉलिन बेल का कहना है कि उसने सर्जरी के बाद अब अपने अंदर एक नया आत्मविश्वास पाया है। अब उसने अपने आप से प्यार करना सीखा है। यह सच में उसके जीवन में बड़ा फर्क लाने वाला होगा।