यहां मौत पर नहीं मनाया जाता मातम, शव के साथ किया जाता है ऐसा व्यवहार
इस दुख की घड़ी में भी एक जगह ऐसी है जहां मातम नहीं खुशियां मनाई जाती हैं, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
नई दिल्ली। अपने करीबियों को खोना किसी के लिए भी आसान नहीं होता, लेकिन इस दुख की घड़ी में भी एक जगह ऐसी है जहां मातम नहीं खुशियां मनाई जाती हैं। इंडोनेशिया में एक ऐसा समुदाय भी है जहां मौत का जश्न मनाया जाता है, यहां अपना दुख व्यक्त करने का तरीका और जगहों से बिल्कुल उल्टा है।
इंडोनेशिया के दक्षिण सुलेवासी प्रांत का टोराजा समुदाय अपनों से इतना प्यार करता है कि उनकी मौत के बाद भी उन्हें खुद से अलग नहीं कर पाता। वे मरे हुए लोगों को भी जिंदा ही मानते हैं। इस समुदाय के लोग मरे हुए लोगों के साथ जिंदा व्यक्ति की ही तरह व्यवहार करते हैं। उसे किसी जिंदा इंसान की ही तरह सजाते संवारते हैं और उनके साथ फोटो भी क्लिक करते हैं। यही नहीं ये लोग बकायदा इसके लिए खास समारोह का आयोजन भी करते हैं।
आमतौर पर मृत्यु होने के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन इस समाज के लोग मृत्यु के बाद भी शव को शव नहीं मानते। वे शव को अपने परिवार का ही हिस्सा होते हैं। शव को घर में ठीक वैसे ही रखा जाता है, जैसा वो व्यक्ति मरने से पहले था। ये लोग मृतक को बीमार व्यक्ति की तरह मानते हैं, जिसे मकुला कहते हैं।
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