परिंदों को दाना डालने के बदले 68 लाख वेतन
यह सैलेरी न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने एक कर्मचारी को दी है, यहां जाने क्या है पूरा मामला
न्यूयार्क। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से एक अनोखी शिकायत दर्ज कराई है। श्रीलंका में पैदा हुए हरेंद्र हरोल्ड सिरीसेना की शिकायत है कि उन्हे बिना कुछ काम किए भी यूनिवर्सिटी ने करीब 68 लाख रुपए प्रति साल वेतन दिया है।
हरेंद्र ने कहा कि नौकरी के वक्त वो ज्यादा समय परिंदों और गिलहरियों को दाना डालते रहते थे। बाकी समय क्रिकेट देखते रहते थे। हरेन्द्र हरोल्ड सिरिसेना ने 1995 में सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। इससे पहले वो चार साल तक बरसर के एक ऑफिस में काम करते थे। हरेन्द्र ने बताया कि सिटी टेक कॉलेज में उनके शुरुआती साल बहुत ही प्रोडक्टिव और सफल थे। मगर 2003 में बिना किसी कारण को अचानक उनका काम एक युवा सहायक को सौंप दिया गया।
यूनिवर्सिटी के खिलाफ केस होगा दर्ज
हरेन्द्र न्यूयार्क की यूनिवर्सिटी की लापरवाही को उजागर करना चाहते हैं। सिरिसेना ने वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल ओलिवर कोपेल ने कहा कि न्यूयार्क की सिटी यूनिवर्सिटी के खिलाफ भेदभाव करने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
सालभर में बस 30 दिन होता था काम
सालभर में उनके पास औसतन 30 दिन काम रहता था। साल के 171 दिन यानि 86 प्रतिशत समय खाली रहता था। सिरिसेना को पिछले 13 साल में काम के लिए करीब एक मिलियन यूएस डॉलर (करीब 68 लाख) वेतन के रूप में मिले। ज्यादातर समय संगीत सुनते हुए, क्रिकेट व फुटबॉल खेलते हुए और पार्क में चिडिय़ा और गिलहरियों को दाना डालकर गुजारता था।
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