अद्भुत खोज: शरीर कब्र में होगा, दिमाग कहीं मीटिंग मेंः देखे Video
Published: Mar 25, 2015 12:12:00 pm
क्या कभी
ऎसा हो सकता है कि आपका शरीर तो मर जाए लेकिन आपका “दिमाग” पूरे होशोहवास में किसी बैठक में शामिल हो
क्या कभी ऎसा हो सकता है कि आपका शरीर तो मर जाए लेकिन चेतना जीवित रहे… या कि आप छुट्टी पर हों, लेकिन आपका “दिमाग” पूरे होशोहवास में किसी बैठक में शामिल हो…! बीना-48 नामक रोबोट से मिलने के बाद खुद-ब-खुद बोल पड़ेंगे कि ऎसा बिलकुल हो सकता है। बीना न केवल चुटकुले सुनाती और कविता पाठ करती है, बल्कि इंसानों की नकल भी उतारती है। इसे यह नाम बायोटेक कंपनी युनाइटेड थेराप्यूटिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन रोथब्लाट ने अपनी पत्नी बीना आस्पेन के नाम पर दी है।
सोच जिंदा रहेगी
इसे भविष्य की सोच बताते हुए रोथब्लाट ने इसी महीने की 15 तारीख को हजारो लोगों के सामने एक तकनीकी प्रदर्शनी में कहा कि भविष्य में हर इंसान का ऎसा ही “माइंड क्लोन” यानी दिमागी प्रतिरूप संभव है। बीना-48 का मतलब है कि जब बीना आस्पेन मर जाएगी, तब भी उसका दिमाग, उसकी सोच बीना-48 के जरिए जिंदा रहेगी। टे क्सास के ऑस्टिन में साउथ बाई साउथवेस्ट नामक इस प्रदर्शनी के तीसरे दिन 60 वर्षीय रोथब्लाट ने इस अद्भुत रोबोट के बारे में लोगों को बताया।
कैसे बनी यह साइबर इंसान
रो थब्लाट के मुताबिक सबसे पहले किसी इंसान की सोच और उसके तौर-तरीकों का माइंड फाइल यानी डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। रोथब्लाट कहते हैं कि अगर आपका फेसबुक प्रोफाइल है, तो समझिए कि यह फाइल पहले ही तैयार हो रही है। उस पर आपके डाले गए पोस्ट आपके सोचने के तरीके और समझ की सीमा का खाका पेश कर देते हैं।
कितना वक्त लगा
जीवित बीना आस्पेन का 20 घंटे का इंटरव्यू लिया। फिर माइंड फाइल बना कृत्रिम बौद्धिक आंकड़ा तैयार किया। रोबोट डिजाइनर डेविड हैनसन ने तीन वर्षो की मेहनत व 75 लाख रूपए में बीना-48 का हार्डवेयर बनाया। इसमें “कैरेक्टर इंजन” है, जो इंसानों की तरह सोचने व देखने की क्षमता देता है।
बीना क्या कर सकती है
बीना-48 की सोचने और काम करने की क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि न्यूयार्क टाइम्स ने भी इसका इंटरव्यू किया। इस अखबार ने पूछा कि …रोबोट होना कैसा लगता है। इस पर बीना का जवाब कम दिलचस्प नहीं था। उसने कहा कि मैंने इस बारे में सोचा है। आपको लगता होगा कि मेरे पास जवाब नहीं है, लेकिन शायद ऎसा है नहीं। ऎसा वक्त आएगा, जब मैं पूरी तरह जागृत, चेतना में रहूंगी। हां, आप कह सकते हैं कि वर्तमान में मैं सिर्फ एक पोर्टल हूं। देखें Interview Video मेंः
Interview Part-I
Interview Part-II