नई दिल्ली। जिंदगी के 45 साल पूरे कर चुके केरल के साजी थॉमस पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया फक्र कर सकती है। क्योंकि बोलने के साथ-साथ सुनने की भी क्षमता नहीं रखने वाले इस इंसान ऐसा ही काम कर दिखाया जो अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे इंजीनियर नहीं कर पाते। थॉमस ने अपनी अपंगता के बावजूद खुद का जेट बना दिया। इतना ही नहीं बल्कि जब वो अपने इस दुर्लभ और बेहद किफायती जेट से फर्राटा भरे तो दुनिया ने सलाम किया।
केरल के इडुक्की के थोडुपुजा के थॉमस को गांव वालों ने उसकी बोलने और सुनने की अपंगता को लेकर यूजलैस यानी नकारा करार दिया था। लेकिन आलोचनाओं का जवाब उसने कुछ इस अंदाज में दिया कि आज वही गांव वाले उसकी तारीफ में कसीद पढ़ते नहीं थकते हैं। साजी थॉमस के लिए अब धरती और आसमान में फर्क कभी नहीं रहा।
थॉमस पर अपंगता ही नहीं बल्कि गरीबी की मार पड़ी, जब वो सातवीं में थे जब ही स्कूल छूट गया। थॉमस ने तय कर लिया कि परिस्थियों और शारिरिक अक्षमताओं को कमजोरी नहीं बनने देंगें। उन्होंने पुराने स्कूटर-बाइक्स और इलैक्ट्रोनिक सामानों का कबाड़ इकट्टा करना शुरू किया। वहीं, परिवार की जिम्मेदारी थी तो रबड़ के पौधे रोपने के काम में मजूरी करने लगे। इन सब मजबूरियों के बावजूद थॉमस के पास कुछ हटकर था तो वो तेज दिमाग था। इसी वजह से उन्होंने टीवी ठीक करने का काम सीख लिया और फिर शादियों में वीडियोग्राफर बन गए।
इसके बाद थॉमस अपना और परिवार का खर्च निकालकर जो भी पैसा बचता उसे वो अपने लक्ष्य के लिए समर्पित कर देते। उन्होंने लड़की के तख्तों से जेट के विंग्स बनाए, स्कूटर के शॉकर और बाइक का इंजन इस्तेमाल कर आसमान में फर्राटा भरने वाला जेट बना दिया। इसके लिए काम में इंजन की आवाज सुनने की मदद पत्नी मारिया ने की।
उसी दौरान साल 2008 में थॉमस ने तिरुवनंतपुरम के विंग कमांडर एसकेजी नैयर से मुलाकात की। नैयर थॉमस के मेंटर बन गए। उन्होंने अपने स्कूल में थॉमस को एयरक्राफ्ट उड़ाने की मंजूरी दे दी। इसके बाद थॉमस ने कबाड़ से ही बाजार में मिलने वाले किफायती जेट के मुकाबले बेहतर जेट बना दिया। थॉमस का बनाया जेट बाजार के 25 लाख के जेट के मुकाबले मात्र 14 लाख रूपए का है। यानी लगभग आधी कीमत का। इतना ही नहीं बल्कि थॉमस की इस उपलब्धी को जल्द ही डिसकवरी चैनल पर दिखाया जाने वाला है। इसके अलावा थॉमस इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।