दुनिया में वसूले जाने वाले इन अजीबोगरीब टैक्सेज के बारे में आपने अभी तक नहीं सुना होगा
नई दिल्ली। सरकार द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न टैक्स यानि कर से सभी नफरत करते हैं, मगर फिर भी देना पड़ता है। दुनिया में टैक्स वसूली ही सबसे ज्यादा विवाद का मामला है। दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह के टैक्स वसूले जाते हैं। लेकिन हम आपको ऐसे अजीबोगरीब टैक्सेज के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में आपने अभी तक नहीं सुना होगा।
मध्यकालीन यूरोप में साबुन इस्तेमाल करने पर भी टैक्स देना पड़ता था, वहीं रोमन सम्राट वेस्पासियन ने पेशाब करने तक पर टैक्स लगा दिया था, ताकि पेशाबघर की नियमित सफाई हो सके। 1660 में इंग्लैंड में गर्माहट पाने के लिए आग जलाने वाली जगह पर टैक्स लगा दिया था।
प्राचीन रोम में दासों को मुक्ति पाने के लिए टैक्स देना पड़ता था, वहीं ब्रिटेन के राजा हेनरी प्रथम ने कायरता पर कर लगा दिया था। ताकि जरूरत पडऩे पर हर देशवाशी लडऩे के लिए हथियार उठा सके और जो हथियार नहीं उठाए, उन्हें टैक्स देना पड़ता था।
न्यूयॉर्क में रेडीमेड खाने पर टैक्स लगा दिया गया था, वहीं बिना तैयार भोजन पर पहले से ही टैक्स लगा हुआ था। ऐसे में वहां पर खाद्य पदार्थों पर दोहरे टैक्स की मार पड़ी थी। गांजे पर अब भी कई देशों में टैक्स वसूला जाता है।, जबकि कई देशों में इसें प्रतिबंधित किया हुआ है।
1795 में इंग्लैंड में विग लगाने पर टैक्स लगा दिया गया ताकि उससे कम बदबू फैले। इसकी वजह से विग फैशन ही चलता बना। वहीं, रूस के पिट्सबर्ग में ठंड और बर्फ का आनंद लेने वाले लोगों पर 5 फीसदी मनोरंजन कर लगाया दिया गया था। शिकागो में कैंडी पर 6 फीसदी तक का टैक्स लगा दिया गया था, बाद में इसे 1 फीसदी कर दिया गया।
डेनमार्क में गायों का प्रजनन कराने के लिए 110 डॉलर का टैक्स लगा दिया गया था, क्योंकि वहां गायों की संख्या अधिक होने से प्रदूषण बढ़ रहा था। इतना ही नहीं बल्कि स्वीडन में तो माता-पिता को अपने बच्चे का नाम रखने से पहले नेशनल टैक्स सर्विस से अनुमति लेनी पड़ती है। ऐसा एक ही नाम के कई व्यक्तियों की मौजूदगी से होने वाले घपलों को रोकने के लिए किया जाता है।