script#Health: दूषित खून चढ़ाने से 88 लोग हो गए एचआईवी पॉजीटिव | 88 people were infected with HIV-positive blood transfusions | Patrika News

#Health: दूषित खून चढ़ाने से 88 लोग हो गए एचआईवी पॉजीटिव

locationदुर्गPublished: Jul 05, 2016 03:29:00 pm

जिदंगी बचाने चढ़ाए खून से 88 लोगों की चेहरे की मुस्कान एक लापरवाही से
हमेशा के लिए छिन गई। एक साल में संक्रमित खून
चढ़ाने से 88 लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ है।

88 people were infected with HIV-positive bl

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दाक्षी साहू. भिलाई. जिदंगी बचाने चढ़ाए खून से 88 लोगों की चेहरे की मुस्कान एक लापरवाही से हमेशा के लिए छिन गई। एक साल में राज्य में बिना जांच पड़ताल संक्रमित खून चढ़ाने से 88 लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन(नाको) की रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है।

सबसे ज्यादा रायपुर और दुर्ग के मरीज

रिपोर्ट के मुताबिक गलत ब्लड ट्रांसफ्यूजन की चपेट में सबसे ज्यादा रायपुर और दुर्ग के मरीज आए हैं। इसे विडंबना कहें कि राज्य निर्माण के 15 साल बाद भी ब्लड में एचआईवी के रोगाणु जांचने नेट टेस्ट की सुविधा नहीं है। संग्रहित ब्लड एचआईवी पॉजीटिव है या निगेटिव जांचने के लिए हम दिल्ली, मुंबई पर निर्भर है। दूषित खून चढ़ाने से देशभर में 2,234 लोगों को एचआईवी हुआ है।

नाको का दावा चालीस हजार से ज्यादा मरीज
छत्तीसगढ़ एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अनुसार केवल 20 हजार मरीज एआरटी और आईसीटीसी सेंटर में रजिस्टर्ड है। वहीं नाको ने राज्य में एचआईवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या चालीस हजार के पार बताई है। किट के अभाव में जांच नहींं होती। समय पर मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती। रायपुर के बाद राज्य में सबसे ज्यादा मरीज दुर्ग जिले में है। यहां मरीजों की संख्या 4,500 पहुंच गई है।

लापरवाही में 9 वें स्थान पर छत्तीसगढ़
एचआईवी संक्रमण से एड्स जैसी बीमारी होने के चार प्रमुख कारणों में से एक गलत ब्लड ट्रांसफ्यूजन है। असुरक्षित यौन संबंध के बाद दूषित खून चढ़ाने से एचआईवी संक्रमण का प्रसार दर सबसे ज्यादा है। बावजूद दूषित खून के जांच के केवल वैकल्पिक संसाधन राज्य में उपलब्ध है। विंडो पियरेड में ब्लड जांच की सुविधा के लिए हम पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। देशभर में दूषित खून से एचआईवी संक्रमण फैलने के लापरवाही के मामले में छत्तीसगढ़ 9 वें स्थान पर है।

हर साल 2500 मरीजों की मौत
छत्तीसगढ़ में एचआईवी संक्रमण से हर साल ढाई हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। एचआईवी के साढ़े चार हजार से ज्यादा नए केस दर्ज हो रहे हैं। मौत के आंकड़ों में भी रायपुर और दुर्ग का नाम सबसे उपर है। एक साल में रायपुर में 700 तो दुर्ग में लगभग 550 एचआईवी संक्रमित लोगों की मौत हुई है। अतिरिक्त परियोजना अधिकारी, छत्तीसगढ़ एड्स कंट्रोल सोसाइटी, डॉ. एसके बिंझवार ने कहा कि ब्लड में एचआईवी संक्रमण जांचने के नेट टेस्ट की सुविधा राज्य में नहीं है। संक्रमित खून से एचआईवी फैलने की रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा।
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