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रविवि ने छात्रों की लफ्फाजी पर लगाया टिक, ढर्रे पर डीयू, कॉपी भरने लिखेंगे लंबे उत्तर

locationदुर्गPublished: Dec 09, 2016 11:04:00 am

रविवि ने अपने सेमेस्टर परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर दिया है, जो इसी सत्र
से शुरू हो रहा है। रविवि ने पैटर्न तो बदला है, लेकिन कोर्स वही रखा गया
है।

 2 university change exam pattern

2 university change exam pattern

भिलाई.दुर्ग विश्वविद्यालय और रविवि की आगामी सेमेस्टर परीक्षाएं 22 दिसंबर से शुरू हो रही हैं। इनमें जहां दुर्ग विवि के छात्रों को अब भी लंबे उत्तर लिखकर कलम घिसनी होगी तो वहीं रविवि के छात्र ऑब्जेक्टिव प्रश्नों पर टिक लगाएंगे। रविवि ने अपने सेमेस्टर परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर दिया है, जो इसी सत्र से शुरू हो रहा है। रविवि ने पैटर्न तो बदला है, लेकिन कोर्स वही रखा गया है। इसलिए छात्रों को दिक्कत नहीं होगी, बल्कि वे पर्चा आसानी से हल करेंगे। दुर्ग विश्वविद्यालय अभी इस पैटर्न को अपनाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन अगले वर्ष इस संबंध में प्रस्ताव बनाया जा सकता है। डीयू की कार्यपरिषद तैयार होने के बाद ही इस मुद्दे पर बात आगे बढ़ाई जाएगी।

पैटर्न बदलने से होंगे बड़े फायदे

रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सेमेस्टर परीक्षा का पैटर्न बदलने से छात्रों को बड़ी सहूलियत मिली है। अब उन्हें एक प्रश्न को हल में समय बर्बाद नहीं करना होगा। ऑब्जेक्टिव प्रश्नों पर टिक लगाने से समय की बचत होगी। इसी तरह यह भी तय होगी कि छात्र से जिस प्रश्न को टिक किया है, वह या तो सही है या फिर गलत। सही प्रश्न से पूरे नंबर हासिल होंगे। इसी तरह छोटे व बड़े प्रश्न लिखने के लिए शब्द सीमा निर्धारित है, जिससे वे फिजूल या यूं कहें उत्तर लिखने में लफ्फाजी कम हो जाएगी। सप्लीमेंट्री शीट लेने की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। छात्र बेहतर तरीके से कम शब्दों में सही उत्तर लिखेंगे।

अलग से नहीं दिया जाएगा प्रश्नपत्र
रविवि – रविशंकर विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं देने वाले छात्र को अलग से प्रश्न पत्र नहीं दिया जाएगा। एक ही शीट मिलेगी, जिसमें ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का कॉलम अलग होगा। इनमें छात्र टिकमार्क करेंगे। इसी तरह सब्जेक्टिव में ऊपर प्रश्न लिखा होगा उसके नीचे जगह छोड़ी जाएगी, जिसमें छात्र लिमिटेड शब्दों में उत्तर लिखेंगे। रविवि कुल 100 अंकों का पर्चा देगा, जिसमें 20 अंक के ऑब्जेक्टिव, करीब 40 अंक के बड़े उत्तर वाले सवाल और 40 अंक के उत्तर कम शब्दों में लिखने को दिए जाएंगे। अलग से सप्लीमेंट्री शीट लेने का विकल्प नहीं रखा गया है, क्योंकि जितनी जगह है, उत्तर उसी में सटीक तरह से लिखना होगा। प्रश्नों की शब्द सीमा सहित अंकों का विवरण भी उत्तर पुस्तिका में दिया गया है।

पुराने पैटर्न पर परीक्षा
दुर्ग विवि – हमारे छात्र अब भी पुराने पैटर्न पर ही सेमेस्टर परीक्षा देंगे। 100 अंकों के प्रश्न पत्र में 80 अंक का थ्योरी प्रश्न आएंगे, जबकि 20 अंक इंटरनल है। छात्रों के लिए छोटा या लंबा उत्तर लिखने की कोई शब्द सीमा नहीं है। दस प्रश्नों में कोई भी पांच हल करो यही पैटर्न रखा गया है। छात्र किसी प्रश्न का लंबा उत्तर लिखना चाहे तो उसे अलग से उत्तर पुस्तिका (सप्लीमेंट्री शीट) भी आसानी से मिलेगी। दुर्ग विश्वविद्यालय परंपरागत परीक्षा पैटर्न के तहत अलग से प्रश्न पत्र मुहैया कराएगा। उत्तर पुस्तिका में प्रश्न पत्र का विवरण सहित अन्य जानकारियां भरनी होंगी।

विश्वविद्यालय को क्या फायदा
एक साल पहले इस पैटर्न को अपनाने एकेडमिक काउंसिल में प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सभी प्राध्यापकों ने हरी झंडी दी। बाद में कार्यपरिषद ने भी सहमति दे दी। कार्यपरिषद की बैठक में यह तर्क दिया गया कि अकसर छात्र ज्यादा लंबा उत्तर लिखने में सप्लीमेंट्री शीट की बर्बादी करते हैं। जबकि उत्तर पूरी तरह सटीक नहीं होता। इसलिए नए पैटर्न से उन्हें कम शब्दों में सही उत्तर लिखने को दिए जाएं। इसी तरह यह पैटर्न रविवि का खर्च भी बचाएगा। उत्तर पुस्तिका जांचने वाले प्राध्यापक सही मूल्यांकन कर पाएंगे, ऑब्जेक्टिव प्रश्न होने से इनका मूल्यांकन आसान होगा। रिजल्ट भी समय पर जारी किए जा सकेंगे। यूजीसी के निर्देशानुसार यह पैटर्न देश की विभिन्न विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपना लिया है। रविवि ने देर से ही सही पर दुरुस्त निर्णय लिया है।

थोड़ा विवाद इस पर

रविवि की ओर से मिल रही जानकारी के मुताबिक यह पैटर्न प्रथम सेमेस्टर के साथ-साथ तीसरे सेमेस्टर में भी लागू किया जा रहा है। यह तथ्य उन्होंने एक पत्र के माध्यम से बताया है। हालांकि अधिकारी इसको लेकर कन्फ्यूज हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अगर यह पैटर्न तीसरे सेमेस्टर में लागू होता है, तो दुर्ग विवि के तीसरे सेमेस्टर छात्र भी नए तरह का पर्चा हल करेंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि दुर्ग कि परीक्षा रविवि करा रहा है।

तीसरे सेमेस्टर को लेकर संशय
रविवि की ओर से प्रथम सेमेस्टर में नए पैटर्न का तथ्य तो सही पर तीसरे सेमेस्टर के छात्र इसमें शामिल होंगे या नहीं इसको लेकर संशय की स्थिति है। दुर्ग विवि जल्द ही इस मामले को सॉल्व करने की बात कह रहा है। रजिस्ट्रार दुर्ग विवि डॉ. एसके त्रिपाठी ने बताया कि दुर्ग विवि के छात्र सेमेस्टर परीक्षा में पुराने तरीके से ही उत्तर लिखेंगे। ऑब्जेक्टिव पैटर्न रविवि ने अपनाया है, दुर्ग विवि ने नहीं। कार्यपरिषद बनने के बाद इसका प्रस्ताव रखेंगे, फिलहाल तो पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा करा रहे हैं।
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