script#CBSE का नया फरमान: स्कूल बसों में अब लेडिज अटैंडर्स कंपलसरी | Bhilai: CBSE new decree: Ladies Atandrs now compulsory in school buses | Patrika News

#CBSE का नया फरमान: स्कूल बसों में अब लेडिज अटैंडर्स कंपलसरी

locationदुर्गPublished: Nov 24, 2016 11:09:00 pm

स्कूल में घंटों पढ़ाने के बाद बसों में एक्स्ट्रा ड्यूटी करने वाले निजी स्कूलों के टीचर्स के लिए अब अच्छी खबर है।

CBSE new decree: Ladies Atandrs now compulsory in

CBSE new decree: Ladies Atandrs now compulsory in school buses

भिलाई. स्कूल में घंटों पढ़ाने के बाद बसों में एक्स्ट्रा ड्यूटी करने वाले निजी स्कूलों के टीचर्स के लिए अब अच्छी खबर है। सीबीएसई ने कुछ दिन पहले अपना बॉयलाज बदलकर सीबीएसई स्कूलों के टीचर्स को बस ड्यूटी से फ्री कर दिया है। सीबीएसई से आए निर्देश के बाद शहर के स्कूलों ने इस पर अमल करना भी शुरू कर दिया।

लेडीज बस अटैंडर की नियुक्ति भी कर दी

ट्विनसिटी की नामी स्कूलों में तो लेडीज बस अटैंडर की नियुक्ति भी कर दी है और कई स्कूलों ने इंटरव्यू भी कर लिया है और दिसंबर में उनके यहां भी बसों में महिला अटैडर ही नजर आएंगी। सीबीएसई ने अपने नए निर्देश में टीचर्स की ड्यूटी केवल एकेडमिक कार्यो में लगाने को कहा है। इसके साथ ही बोर्ड ने 2012 में जारी अपने एक निर्देश को भी संशोधित किया है जिसमें उन्होंने बस में एक महिला टीचर की मौजूदगी को अनिवार्य किया था।

सीबीएसई बोर्ड को मेल भेजकर दिक्कतों को बताया था
स्कूल बसों में टीचर्स की ड्यूटी लगाने के बाद डीपीएस भिलाई के एक टीचर ने सीबीएसई बोर्ड को मेल भेजकर टीचर्स को होने वाली दिक्कतों को बताया था, जिसके बाद इसमें संशोधन किया गया। सीबीएसई के इस निर्देश के बाद अब आरटीओ भी बसों में महिला अटैंडर्स की मौजूदगी को गंभीरता से लेगा और जल्द ही इसकी फील्ड पर जांच भी करेगा।

कैंटीन और ट्रांसपोर्ट में ड्यूटी नहीं

टीचर्स को न बोर्ड ने न सिर्फ ट्रांसपोर्ट की ड्यूटी से मुक्त किया है बल्कि उनसे कैंटीन में भी ड्यूटी लेने से मना किया है। 25 अक्टूबर को सेंट्रल एडवाइजरी कमेटी ऑफ बोर्ड ऑन एजुकेशन की बैठक के बाद लिए इस निर्णय को अपनी वेबसाइट पर जारी भी कर दिया और देशभर के स्कूलों को जारी भी कर दिया।

शिक्षा के अधिकार का हवाला

सीबीएसई बोर्ड ने आरटीई एक्ट 2009 की धारा 27 के अनुभाग चार का हवाला देकर कहा है कि शिक्षकों से केवल शैक्षणिक कार्य ही लिया जाना चाहिए। इसमें गैर शिक्षकीय कार्य में सिर्फ चुनाव, जनगणना जैसे सरकारी कार्यों के लिए उनकी उपयोगिता के आधार पर ड्यूटी लगाए जाने की बात भी कही है।

शहर से स्कूलों ने माना आदेश
28 अक्टूबर को जारी इस आदेश को शहर के निजी स्कूलों ने मानना शुरू भी कर दिया है। सीबीएसई बोर्ड के बड़े स्कूल जहां बसों की संख्या ज्यादा है उनमें से 50 प्रतिशत स्कूलों की बसों में महिला अटैंडर नजर आ रही है। डीपीएस भिलाई, डीएवी, केपीएस, शकुंतला ग्रुप ने अपने यहां नियुक्ति कर ली है और जो स्कूल बचे हैं उनमें भी दिसंबर में नियुक्ति हो जाएगी।स्कूल संचालकों ने कहा यह अच्छा निर्णय।
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