बच्चों को नशीला पदार्थ बेचा तो 7 साल की जेल और 1 लाख रुपए देना होगा जुर्माना
18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों और बच्चों को तंबाकू उत्पाद के साथ-साथ नशीले पदार्थ और दवाइयां बेचना अब दुकानदारों को भारी पड़ेगा।
Children 7 years in jail and then sold the drug would give Rs 1 lakh fine
भिलाई.18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों और बच्चों को तंबाकू उत्पाद के साथ-साथ नशीले पदार्थ और दवाइयां बेचना अब दुकानदारों को भारी पड़ेगा। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (जेजे एक्ट) में इस वर्ष हुए संशोधन के बाद किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 और 78 में ऐसे आरोपी को 7 वर्ष की जेल और 1 लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इस एक्ट के तहत छोटे बच्चों को नशीला सामान बेचना अपराध की श्रेणी में आता था पर उसके लिए इतनी सख्त सजा नहीं थी।
सिर्फ डॉ. को अधिकार
जनवरी 2016 में इस एक्ट के तहत संशोधन कर दो धाराओं को जोड़ा गया है। इस एक्ट के तहत देश के कई राज्यों में वायस ऑप टोबेको विक्टिमस(वीओटीवी) के जरिए कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नशीली दवाइयां, तंबाकू उत्पाद, मादक पदार्थ बेचना या उसे बेचने के लिए बच्चों का उपयोग करना अपराध की श्रेणी में है, लेकिन दवाइयों के मामले में चिकित्सक को छूट दी गई है। बच्चे की सेहत के मद्देनजर या किसी इलाज के दौरान चिकित्सक उन्हें ऐसी दवाइयां दे सकता है जो आम तौर पर उनके लिए प्रतिबंधित है।
स्कूल में निगरानी
जेजे एक्ट में हुए इस संशोधन के बाद जिला बाल संरक्षण ईकाई अब स्कूल-कॉलेज के आसपास भी निगरानी करेगी ताकि वहां आसपास अगर ऐसे उत्पाद बिक रहे हो तो उन पर कार्रवाई की जा सके। इस एक्ट की धारा में उल्लेख है कि विशेषकर स्कूल या कॉलेज की 100 मीटर की परिधि में ऐसी दुकान खोलना भी दंडनीय अपराध है जहां यह सारे उत्पाद मिलते हो। इस एक्ट के तहत अगर कोई बच्चा नशीले सामान का उपयोग करते पाया गया या फिर बेचते पाया गया तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
बच्चे हमेशा पीडि़त
हर हाल में उन्हें पीडि़त ही माना जाएगा और उन बच्चों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्ति आरोपी की श्रेणी में आएंगे। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गुरप्रीत कौर ने बताया कि बच्चों के मामले में जेजे एक्ट और सख्त हो गया है। धारा 77 और 78 में हुए संशोधन के बाद बच्चों को नशीला पदार्थ बेचने या बेचने के लिए प्रेरित करने वाले लोगों को सीधे 7 साल की सजा है और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।