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होनहारों का सरकारी कोचिंग में ऐसा हाल 80 फीसदी छात्र टेस्ट सीरिज में फिसड्डी

locationदुर्गPublished: Dec 28, 2016 10:20:00 am

शिक्षा विभाग दुर्ग ने होनहार छात्रों को परीक्षा से पहले अच्छी तैयारी
करने पांच दिन का कोचिंग रखा, लेकिन इस कोचिंग का फायदा होनहार नहीं उठा
पाए।

government coaching centre test series

government coaching centre test series

भिलाई.शिक्षा विभाग दुर्ग ने होनहार छात्रों को परीक्षा से पहले अच्छी तैयारी करने पांच दिन का कोचिंग रखा, लेकिन इस कोचिंग का फायदा होनहार नहीं उठा पाए। जिलेभर के मेधावी बच्चों के पैरेंट्स और प्रिंसिपल ने ऐसा बहाना बनाया कि कोचिंग में रजिस्ट्रेशन तो 450 बच्चों का हुआ, लेकिन 50 फीसदी ही छात्र कोचिंग में शामिल हुए। तिमाही में अपनी बेहतर परफार्मेस देने वाले छात्र इस कोचिंग के टेस्ट में भी फिसड्डी साबित हो गए। कुल मिलाकर मिशन बेटर एजुकेशन के तहत विभाग को दसवीं और बारहवीं में 20 प्रतिशत छात्र ही ऐसे मिले जो बोर्ड परीक्षा में विभाग की उम्मीद पर खरे उतर पाएंगे।

स्पेशल कोचिंग में उपस्थिति कम नहीं
डीईओ आशुतोष चावरे ने परीक्षा की तैयारी को लेकर दुर्ग में चार्ज लेते ही मिशन बेटर एजुकेशन के लिए काम करना शुरू कर दिया था,लेकिन स्पेशल कोचिंग में बच्चों की कम उपस्थिति उनके लिए भी बड़ा सवाल बन गया है कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि बच्चे कोचिंग तक नहीं पहुंचे। इस कोचिंग में दुर्ग, धमधा और पाटन तीनों विकाखंड से मेधावी बच्चों को बुलाया गया। सबसे कम छात्र पाटन ब्लॉक से पहुंचे जबकि धमधा और दुर्ग के छात्रों की उपस्थिति ठीक रही।

छह माही में गिरा प्रतिशत

विभाग के अधिकारियों की माने तो तिमाही के रिजल्ट के आधार पर बच्चों को पहले चरण के कोचिंग में शामिल किया गया था और दूसरे चरण की कोचिंग में छमाही के परफार्मेंस को ध्यान में रखा गया। हालांकि सभी स्कूलों के छमाही के रिजल्ट की समीक्षा बुधवार को डीईओ खुद करेंगे, लेकिन कोचिंग में आने वाले छात्रों का परफार्मेंस भी टेस्ट सीरिज में नजर आ गया। पांच दिनों की क्लास के बाद रोजाना हो रहे टेस्ट में 75 फीसदी से ज्यादा बच्चों का परफार्मेंस खराब रहा।

कोचिंग में नहीं भेजने बनाए बहाने

दुर्ग में लगाए गए इस रेसीडेंशियल कोचिंग में सरकारी स्कूलों को प्राचार्यों और छात्रों के पालकों ने भी एक से बढ़कर एक बहाने बनाए। पालकों ने ठंड का हवाला दिया तो पालकों की आड़ में प्राचार्य भी छात्रों को भेजने में रूचि नहीं दिखाई। कोचिंग प्रभारी एवं व्याख्याता सुरेश राव ने कोचिंग में अनुपस्थित बच्चों और उनके नहीं आने के बहानों की पूरी सूची तैयार की है जो वे बुधवार को डीईओ के सामने रखेंगे।

जो छात्र बेस्ट उनसे ही उम्मीद
सहायक संचालक शिक्षा विभाग दुर्ग, अमित घोष ने बताया कि कोचिंग के दौरान जिन छात्रों ने पांच दिनों तक अपना बेस्ट परफार्मेस दिया है वे सभी 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र हंै और इनसे विभाग को उम्मीद है कि वे प्रावीण्य सूची में शामिल होंगे। इन बच्चों पर और ज्यादा फोकस कर परीक्षा तक उन पर और मेहनत की जाएगी।
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