फर्जी बिल के जरिए 85 लाख की Tax चोरी करके तीन साल से फरार थे शहर के ये दो बड़े कारोबारी
दुर्गPublished: Jul 22, 2017 10:33:00 am
85 लाख 16 हजार 23 रुपए राजस्व (वैट टैक्स) का नुकसान पहुंचाने वाले शहर के
दो कारोबारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों तीन साल से फरार
थे।
Police arrest two Businessman
भिलाई. 78 डीलरों को 17 करोड़ 19 लाख 79 हजार 28 रुपए का सामान बिक्री कर फर्जी विक्रय बीजक जारी कर शासन को 85 लाख 16 हजार 23 रुपए राजस्व (वैट टैक्स) का नुकसान पहुंचाने वाले शहर के दो कारोबारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों तीन साल से फरार थे।
एएसपी ने किया खुलासा
एएसपी शशिमोहन सिंह ने शुक्रवार को पत्रवार्ता में मामले का खुलासा किया। राकेश शर्मा औरा राकेश अग्रवाल ने आयरन एंड स्टील, कोल एवं कोक, फेरो एवं नानफेरो स्क्रैप का क्रय-विक्रय करने 5 जनवरी 2010 को वाणिज्यक विभाग दुर्ग में मेसर्स श्याम इस्पात फर्म का पंजीयन कराया था।
तीन साल बाद 30 मार्च 2013 को शर्मा ने वाणिज्यिक कार्यालय में आवेदन किया कि कोई क्रय-विक्रय नहीं किया है, इसलिए उनके फर्म का पंजीयन निरस्त कर दिया जाय। इसके अलावा राकेश अग्रवाल की वर्ष 2006 में इसी तरह के कारोबार के लिए पंजीकृत फर्म गोपाल इस्पात से अभी तक क्रय- विक्रय के संबंध में जानकारी प्रस्तुत नहीं करने पर उसका पंजीयन विलोपित किया
गया है।
मिली थी रिपोर्ट
विभागीय माडयूल ई पोर्टल साफ्टवेयर की अॅानलाइन क्रय सूची में मेसर्स शिव जनरल स्टोर्स के क्रय करने वाले व्यवसायी के संबंध में रिपोर्ट मिली। अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के 35 व्यवसायियों को उपरोक्त अवधि में 7 करोड़ 79 लाख 25 हजार 874 रुपए का बोगस विक्रय बीजक जारी कर दिया। अग्रवाल ने विक्रय बीजक के अनुसार 38 लाख 13 हजार 365 रुपए का राजस्व शासन छिपा लिया।
शासन के टैक्स में धोखाधड़ी का ऐसे हुआ खुलासा
वाणिज्यिक विभागीय माड्यूल में छत्तीसगढ़ के पंजीकृत व्यापारियों ने प्रस्तुत लेनदेन के विवरण में शर्मा के फर्म मेसर्स श्याम इस्पात से माल खरीदना दर्शाया। इसमें वैट एक्ट की धारा 13 के अंतर्गत आय कर और इनपुट टैक्स रिबेट की राशि में छूट मिली।
शर्मा और अग्रवाल ने वर्ष 2012, 2013 एवं 2014 में अलग-अलग व्यापारी को 9 करोड़ 40 लाख 53 हजार 154 रुपए का बोगस बिल जारी किया था। इस बोगस बिल के लेनदेन पर नियमानुसार कर 47 लाख 2 हजार 658 रुपए का राजस्व शासन को मिलना था। दोनों ने बोगस बिल जारी कर मूल्य संवर्धित कर (वैट) चोरी कर लिया। इस तरह शासन को राजस्व की हानि पहुंचाया।