अभिषेक हत्याकांड: पीएम करने वाले डॅाक्टर को भी नहीं मालूम मृत्यु का कारण
अभिषेक मिश्रा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उल्लास ने कहा कि मृत्यु के वास्तविक कारणों की जानकारी नहीं हो पाई।
Abhishek murder case: PM to a doctor who does not know the cause of death
दुर्ग. शंकराचार्य ऑफ कॅालेजेस के वाइस प्रेसीडेंट अभिषेक मिश्रा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उल्लास गोन्नाडे ने कहा कि मृत्यु के वास्तविक कारणों की जानकारी नहीं हो पाई। शव में एडिपोसिर एवं ममीफिशन के लक्ष्ण मौजूद थे। इसलिए मृत्यु के कारण और प्रकृति, प्रकार के नतीजे तक नहीं पहुंच पाए। पोस्टमार्टम करने के लिए बनी विशेषज्ञों की टीम को लीड करने वाले डॉ. उल्लास ने कहा कि शव एक माह से अधिक पुराना था।
गवाही सुनवाई
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला के कोर्ट में चल रहे गवाही सुनवाई में डॉ. उल्लास बतौर गवाह उपस्थित हुए थे। उन्होंने सच बोलने की सौंगध लेकर न्यायालय को बताया कि 23 दिसंबर 2015 की दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर शव परीक्षण शुरु किया गया। शव परीक्षण के समय उनके सहयोगी डॉ. एस बाघ व डॉ. श्रृंखा जैन उपस्थित थे।
मृत्यु का कारण हेड इंज्यूरी नहीं
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस के निवेदन पर विशेषज्ञों की टीम ने शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी दी थी। शार्ट पीएम रिपोर्ट में पुलिस ने पूछा था कि मृत्यु का कारण सिर पर चोट है क्या? तब उन्होंने मत दिया कि सिर की हड्डी सुरक्षित थी। मस्तिष्क की झिल्ली भी सही सलामत है, इसलिए मृत्यु का कारण हेड इंज्यूरी नहीं हो सकती।
जबड़ा बाहर निकला उल्लेख नहीं
न्यायालय के पूछने पर डॉ. उल्लास ने बताया कि चेहरे की चमड़ी गलने अवश्य लगी थी, लेकिन चेहरा देख पहचान करना संभव था कि शव अभिषेक मिश्रा का है। उन्होंने न्यायालय को बताया कि रिपोर्ट में उसने इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि जबड़ा हल्का से बाहर निकला हुआ था। लेकिन बयान में वह इस बात को विशेष रुप से उल्लेख करना चाहता है।
इस बात से इंकार नहीं
डॉ. उल्लास ने बताया कि अभिषेक के मुंह में कपड़ा ठूसा गया था। चेहरे में कपड़ा बंधा था। उसके ऊपर बबल्स शीट लपेटा गया था। ऐसे में दम घुटने से भी मौत हो सकती है, लेकिन इस बात को स्पष्ट रुप से नहीं कहा जा सकता।
टली कार्रवाई
डॉक्टर का बयान लगभग दो बजे तक चला। बयान के बाद क्यूरी में पूछे गए 24 सवालों को भी न्यायाधीश ने कहा कि वे इसे कार्रवाई में लेंगे। इस पर विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रशाद शर्मा ने यह कहते हुए न्यायालय से आगामी तिथि में शेष कार्रवाई को लेने आग्रह किया कि आज ही अन्य प्रकरण की सुवाई में रायपुर जाना है। इसके बाद न्यायाधीश ने आज की शेष कार्रवाई को स्थगित कर दिया।
डीएनए टेस्ट
विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने अभिषेक का डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। डीएनए टेस्ट का उद्ेश्य है कि अभियोजन पक्ष न्यायालय में साबित करना चाहता है कि पुलिस ने खुदाई के बाद जो शव निकाला है वह अभिषेक का ही है।
2-धारा 164 के बयान की प्रति
बचाव पक्ष की अधिवक्ता उमा भारती ने न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया है। आवेदन में अधिवक्ता ने तर्क रखा है कि पैरवी के लिए अभियोग पत्र में शामिल प्रत्येक दस्तावेज की आवश्यकता होती है। उन्हें जो दस्तावेज उपलब्ध कराया गया उसमें धारा 164 के तहत हुए बयान की प्रति नहीं है।
कॉल डिटेल
आरोपी किम्सी जैन के अधिवक्ता कलाम खान ने अभिषेक की पत्नी और निशांत त्रिपाठी के कॉल डिटेल निकाले जाने की अनुमति मांगी है। अधिवक्ता का तर्क है कि कॉल डिटेल की इस प्रकरण में आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान वे कॉल डिटेल को आधार बनाएंगे।