माइल स्टोन एकेडमी: बंद कमरे में न्यायाधीश ने लिया मासूम का बयान
दुर्गPublished: Oct 25, 2016 11:46:00 pm
मासूम छात्रा का घटना के 6 दिन बाद पुलिस ने न्यायालय में धारा 164 के तहत बयान कराया। मासूम का
बयान बंद कमरे में न्यायाधीश नेहा यति ने लिया।
Mile Stone Academy: In a closed-door the judge by deposition innocent
दुर्ग. माइल स्टोन स्कूल की चार वर्ष की मासूम छात्रा का घटना के 6 दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने न्यायालय में धारा 164 के तहत बयान कराया। मासूम का बयान बंद कमरे में न्यायाधीश नेहा यति ने लिया। बच्ची को उनके परिजन लेकर दोपहर 2 बजे न्यायालय पहुंचे थे। उनके साथ पुलिस भी थी। बयान भोजन अवकाश के बाद लिया गया। शाम करीब 5 बजे तक बयान लिया गया। न्यायधीश ने बच्ची को अपने कक्ष में बैठाकर बयान दर्ज किया।
पास्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज
इस मामले में स्मृति नगर चौकी पुलिस ने आरोपी स्कूल बस ड्राइवर नेत्रा तांडी के खिलाफ धारा 376भादवि. 3,4,5(च),6 पास्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी नेत्रा को मासूम से दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार कर 20 अक्टूबर को विशेष न्यायाधीश गिरिजा देवी मेरावी के न्यायालय में पेश किया था। स्मृति नगर पुलिस ने न्यायालय को बताया कि आरोपी से पूछताछ कर ली गई है। उसे न्यायायिक अभिरक्षा में 3 नवंबर तक के लिए जेल भेजा गया है।
जाने धारा 164 के बयान को
अधिवक्ता सुनीता चोपड़ा ने बताया कि धारा 164 का बयान न्यायाधीश लेते हैं। इस दौरान एक कमरे में वह व्यक्ति होता है जिसका बयान होना है और दूसरा न्यायाधीश है। इसके अलावा उस कक्ष में कोई अन्य व्यक्ति नहीं होता। पुलिस भी उपस्थित नहीं हो सकती। न्यायाधीश बयान दर्ज करने से पहले बयान देने वाले से सवाल करते है कि वह किसी दबाव अथवा बोझिल मन से बयान तो नहीं दे रहा है। हां का जवाब मिलने पर ही बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु की जाती है। यह बयान भी उस कोर्ट के न्यायाधीश नहीं लेते जिस कोर्ट में मामला चल रहा होता है। बयान दूसरे न्यायाधीश लेते हैं। फिर बयान को सील बंद लिफाफे में सुनवाई करने वाले कोर्ट में भेजा जाता है।