आम बजट के बाद बढ़ सकता है आपका खर्च
Published: Feb 10, 2016 04:04:00 pm
गुड्स एण्ड सर्विसेज टैक्स की राह को आसान करने के लिए सरकार, कई वस्तुओं पर लग रहे सबसे कम टैक्स को बढ़ाने, एक्साइज ड्यूटी
नई दिल्ली। गुड्स एण्ड सर्विसेज टैक्स की राह को आसान करने के लिए सरकार, कई वस्तुओं पर लग रहे सबसे कम टैक्स को बढ़ाने और एक्साइज ड्यूटी में मिल रही छूट को खत्म करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो आम बजट के बाद आपका मंथली ग्रॉसरी बिल बढ़ सकता है।
डेयरी प्रोडक्ट हो सकते हैं महंगे
ग्रीन टी, डेयरी स्प्रेड्स, योगर्ट, चीज, आइसक्रीम, फ्रोजेन फूड प्रॉडक्ट्स, पास्ता, रेडी टु ईट फूड्स, पैकेड फ्रूट जूस और सोया मिल्क पर या तो एक्साइज ड्यूटी लगाई जा सकती है या जिन मामलों में यह पहले से लग रही है, उनमें इसे 12.5 प्रतिशत के स्टैंडर्ड रेट तक बढ़ाया जा सकता है। इनमें से कई प्रॉडक्ट्स पर अभी या तो एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है या 6 प्रतिशत तक लगती है।
एक सरकारी सूत्र के मुताबिक एक्साइज ड्यूटी में कई एग्जेम्प्शंस सालों से बरकरार हैं। अब चूंकि जीएसटी लागू करने की तैयारी है तो इस पहलू पर गौर करना जरूरी हो गया है। एक्साइज ड्यूटी से छूट वाले कई आइटम्स पर कुछ राज्यों में वैल्यू ऐडेड टैक्स लग रहा है।
कई वस्तुओं पर नहीं लगता ड्यूटी
अभी करीब 300 से ज्यादा वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगती है, वहीं 1.5 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले मैन्युफैक्चरर्स को भी इससे छूट मिली हुई है। राज्यों में वैट के मामले में टर्नओवर की यह सीमा 8-10 लाख रुपए की है और जीएसटी के मामले में यह 25 लाख रुपए हो सकती है।
जीएसटी के लिए रेवेन्यू न्यूट्रल रेट का सुझाव देने वाली चीफ इकनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कहा है, ‘रेट जितना कम होगा, उतनी ज्यादा कमोडिटीज पर इस दर से टैक्स लिया जा सकेगा। कमेटी ने 17-18 प्रतिशत के स्टैंडर्ड जीएसटी रेट और 12त्न के कंसेशनल रेट का सुझाव भी दिया था।
पीडब्ल्यूसी में पार्टनर (इनडायरेक्ट टैक्स) अनीता रस्तोगी ने कहा, ‘चूंकि अप्रैल से जीएसटी लागू होने की गुंजाइश नहीं दिख रही है, लिहाजा सरकार कुछ एग्जेम्प्शंस को हटाकर जीएसटी की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।